क्षेत्रीय अस्मिता की जीत

Last Updated 24 Dec 2019 03:21:17 AM IST

झारखंड विधानसभा चुनाव के रुझानों में झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम)-कांग्रेस-राजद महागठबंधन भाजपा पर बढ़त बनाए हुए है।


क्षेत्रीय अस्मिता की जीत

अगर यही रुझान परिणाम में तब्दील होते हैं तो कहा जा सकता है कि सूबे की जनता ने क्षेत्रीय अस्मिता के पक्ष में यह जनादेश सुनाया है और जेएमएम नेता हेमंत सोरेन के दूसरी बार मुख्यमंत्री बनने की संभावना प्रबल हो गई है। राज्य की जनता भाजपा से कितनी नाराज थी, इसका पता इस बात से चलता है कि मुख्यमंत्री रघुबर दास अपनी ही पार्टी के बागी उम्मीदवार सरयू राय से बुरी तरह हार गए हैं। पिछले डेढ़ साल में भाजपा का किला एक-एक कर ढहता जा रहा है। मार्च 2018 में भाजपा और उसके गठबंधन की 21 राज्यों में सरकारें थी, लेकिन 2019 के अंत होने तक यह आंकड़ा 15 राज्यों तक सिमटकर रह गया है।

हालांकि महाराष्ट्र में भाजपा-शिवसेना गठबंधन के पक्ष में जनादेश आया था लेकिन मुख्यमंत्री के पद को प्रतिष्ठा का मुद्दा बनाना भाजपा को भारी पड़ा और यह प्रदेश हाथ से छिटक गया। झारखंड के चुनाव में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 09 और राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने 11 विधानसभा क्षेत्रों में जनसभाएं की थी। इनमें प्रधानमंत्री मोदी और पार्टी अध्यक्ष शाह महज तीन-तीन सीटों पर ही पार्टी को जीत दिलाने में सफल हो पाए। इस आधार पर कहा जा सकता है कि मोदी और शाह की जोड़ी का जादू ढलान पर है। 2019 के लोक सभा चुनाव में भाजपा को राज्य में 51 फीसद वोट मिले थे जो गिरकर महज 33 रह गया।

अर्थात 18 फीसद की गिरावट हुई है। राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह ने कहा था कि भाजपा ने 50 फीसद वोट अपने दम पर हासिल करने का लक्ष्य तय किया है। लेकिन हरियाणा और झारखंड में उनका यह लक्ष्य पूरा नहीं हो सका। महाराष्ट्र में सत्ता गंवाने के बाद झारखंड में अकेले चुनाव लड़ने का फैसला भाजपा के लिए भारी पड़ा। गठबंधन का दौर जारी रहने के बावजूद उसने अपने पुराने सहयोगी आजसू को अपने से अलग कर दिया। भाजपा को सहयोगी दलों को नकारने का खमियाजा इस चुनाव में भुगतना पड़ा है।

माना जा रहा है कि केंद्रीय नेतृत्व से सूबे की समस्याओं को समझने में भारी चूक हुई है। मोदी और शाह की जोड़ी यह समझने में भी नाकाम रही कि मुख्यमंत्री के कामकाज से स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश है। सरयू राय जैसे ईमानदार और वरिष्ठ नेताओं की बात अनसुनी कर दी गई। भाजपा को अपनी सत्ता की भूख बनाए रखनी है तो उसे इन कमजोरियों को दूर करना होगा।



Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment