प्रदूषण पर राजनीति
दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और देश के अन्य शहरों के नागरिक इन दिनों जारी भीषण वायु प्रदूषण के प्रकोप से त्रस्त हैं, लेकिन ऐसे जनसरोकारों से जुड़े मुद्दे पर भी सांसद राजनीति करने का अवसर तलाश लेते हैं, जो बेहद चिंतनीय और दुर्भाग्यपूर्ण है।
प्रदूषण पर राजनीति |
बीते मंगलवार को लोक सभा में नियम 193 के तहत प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन पर चर्चा हुई। इतनी गंभीर चर्चा के दौरान केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा के सांसद प्रवेश वर्मा ने आम आदमी पार्टी की सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कटाक्ष किया कि ‘पांच साल पहले केवल केजरीवाल अकेले खांसते थे, आज पूरी दिल्ली खांस रही है’। जाहिर है कि उनके इस कथन से पूरी बहस आम आदमी पार्टी की सरकार पर केंद्रित होकर अगंभीर हो गई।
फिर पूरे देश के नागरिकों के स्वास्थ्य से जुड़ी समस्या पर लोक सभा में होने वाली चर्चा के दौरान सदन में सांसदों की उपस्थिति भी बहुत कम रही। ताज्जुब की बात तो यह है कि वायु प्रदूषण से दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित है, लेकिन दिल्ली से निर्वाचित सात सांसदों में से केवल तीन सांसद ही सदन में उपस्थित थे। यह स्थिति तब है जब पिछले दिनों प्रदूषण से जुड़ी समिति की बैठक में पूर्वी दिल्ली से भाजपा के सांसद गौतम गंभीर के शामिल न होने पर उनकी काफी आलोचना हुई थी।
लेकिन संतोष की बात है कि सदन में हुई चर्चा के बीच से कुछ सकारात्मक बातें भी निकल कर आई। सत्ता पक्ष और विपक्ष के विभिन्न दलों के सांसद किसानों के पक्ष में खड़े दिखाई दिए। कांग्रेस के मनीष तिवारी, बीजद के पिनाकी मिश्रा और भाजपा के प्रवेश वर्मा, मनोज तिवारी और गौतम गंभीर ने कहा कि किसानों द्वारा पराली जलाने से बहुत कम प्रदूषण फैलता है, जबकि वाहन और अनियमित उद्योग वायु प्रदूषण के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार हैं।
दरअसल, कुछ पर्यावरणविद् और दिल्ली में सत्तारूढ़ आप की सरकार पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जलने वाली पराली को प्रदूषण के लिए जिम्मेदार मानती है। मगर सिर्फ पराली जलाने से ही दिल्ली-एनसीआर की हवा प्रदूषित नहीं है। प्रदूषण के लिए जिम्मेदार चाहे जो भी कारक हो, अगर सत्ता पक्ष और विपक्ष इस मसले पर राजनीति से ऊपर उठकर देश के पर्यावरण संरक्षण के लिए काम करें तो बीजिंग की तरह हमारे देश की हवा भी साफ हो सकती है। इसके लिए मोदी सरकार को स्वच्छता की तरह स्वच्छ हवा अभियान चलाने की जरूरत है।
Tweet |