निवेश होते दिखे भी
उत्तर प्रदेश में 65 हजार करोड़ रुपये की 292 परियोजनाओं के डिजिटल शिलान्यास तथा संबंधित कंपनियों द्वारा हजारों रोजगारों की घोषणा निस्संदेह, देश की अर्थव्यवस्था की बेहतरी का संदेश देने वाली है।
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उत्तर प्रदेश को एक समय ‘बीमारू’ प्रदेश की सूची में रखा गया था। बड़े निवेशक एवं कारोबारी प्राय: प्रदेश से दूर रहते थे। किंतु मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भाजपा की सरकार आने के बाद से वातावरण बदल रहा है।
जब सरकार ने उत्तर प्रदेश में कारोबारियों और निवेशकों का सम्मेलन किया तो उसमें हुई घोषणाओं का मजाक उड़ाया गया। साफ लग रहा है कि मजाक उड़ाने वाले गलत थे। 2018 में हुए 4.68 हजार करोड़ के एक हजार से ज्यादा एमओयू में 25 प्रतिशत एक वर्ष के अंदर ही मूर्त रूप ले चुके हैं। यह बड़ी उपलब्धि है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इन परियोजनाओं का शिलान्यास करते हुए कहा कि देश को पांच खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में उत्तर प्रदेश की बड़ी भूमिका होगी। निवेशक सूबे में खुलकर निवेश करें, सरकार पूरी गारंटी देगी। इसके पहले, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाथों 62 हजार करोड़ रु. की 81 इकाइयों का शिलान्यास किया जा चुका है।
इस तरह, कुल मिलाकर 1 लाख 27 हजार करोड़ की 373 परियोजनाओं का शिलान्यास हो चुका है। उत्तर प्रदेश जैसे राज्य के लिए यह सामान्य बात नहीं है। किसी राज्य में निवेशक तभी आते हैं, जब उन्हें वहां अपने कारोबार के अनुकूल वातावरण मिलता है यानी कानून व्यवस्था की समस्या न हो, उद्योग एवं कारोबार के लिए समस्त आधारभूत परियोजनाएं उपलब्ध हों तथा सरकारी तंत्र में लालफीताशाही की बाधाएं न के बराबर हों। जाहिर है, अगर निवेशकों को अनुकूल वातावरण लगा है, तो इसका अर्थ है कि उत्तर प्रदेश के चरित्र में परिवर्तन आया है। उसकी छवि बदली है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के वहां से सांसद होने का भी असर है, और योगी तथा उनके सहयोगियों ने भी भूमिका निभाई है। केंद्र की कल्याणकारी योजनाएं भी प्रदेश में सफलतापूर्वक धरातल पर पहुंचाई गई हैं।
इसी का परिणाम लोक सभा चुनाव में देखा गया। देश की सबसे बड़ी आबादी वाला राज्य यदि विकास-पथ पर सरपट दौड़ता है, तो इससे केवल उस प्रदेश की नहीं, देश की तस्वीर बदलेगी। इसका व्यापक असर होगा। भारी संख्या में पलायन रु केगा तथा देश के कोष में करों की बड़ी राशि आएगी। उम्मीद करते हैं कि उत्तर प्रदेश से दूसरे राज्यों को भी प्रेरणा मिलेगी।
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