चौथे चरण की परीक्षा
आज लोकसभा के चौथे चरण के चुनाव के साथ 375 लोक सभा सीटों का मतदान संपन्न हो जाएगा। इस चरण की विशेषता यह है पिछले लोक सभा चुनाव में भाजपा ने 9 राज्यों की इन 72 सीटों में से 45 सीटें जीतीं थीं।
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इस नाते यह सत्तारु ढ़ पार्टी के लिए खास महत्त्वपूर्ण है। साथ ही मध्य प्रदेश, राजस्थान एवं महाराष्ट्र कांग्रेस के लिए भी काफी अहम है। इसके बाद शेष तीन चरणों पर भी भाजपा के लिए बहुत कुछ दांव पर है, क्योंकि इनमें से बहुसंख्य स्थान उसके पास थे।
जिस पश्चिम बंगाल एवं उड़ीसा में उसने अच्छा प्रदर्शन नहीं किया था, वहां भी इस बार वह ज्यादा सीटें जीतने की उम्मीद कर रही है। और उत्तर प्रदेश और बिहार तो है ही मुख्य घमासान का केंद्र। महाराष्ट्र लोक सभा एवं ओडिशा विधानसभा का चुनाव इसके साथ ही समाप्त हो जाएगा। तीन चरणों के चुनावों में सभी पक्ष अपने-अपने अनुसार निष्कर्ष निकाल रहे हैं और यह स्वाभाविक भी है।
किंतु इनमें सबसे मुख्य बात है, मतदाताओं का उत्साह और शांतिपूर्वक मतदान। कुछ क्षेत्रों को छोड़ दें तो 2014 के रिकॉर्ड मतदान से ज्यादा संख्या में मतदाता मतदान करने बाहर निकले है। पश्चिम बंगाल को छोड़कर चुनाव शांतिपूर्ण रहा है। आम लोगों का निर्भीक होकर मतदान करने बाहर आना भरतीय लोकतंत्र की ऐसी खूबी है, जिसका लोहा दुनिया मानती है। जैसा प्रधानमंत्री ने कहा भारत ने चुनाव पर्यटन को प्रोत्साहित करने के लिए इस बार कुछ विशेष प्रबंध किए हैं।
दुनिया भर से लोग भारत का चुनाव देखने आ रहे हैं। हालांकि इस चरण का चुनाव प्रचार समाप्त होने के पूर्व ही विपक्ष ने फिर एक बार ईवीएम की शिकायत करते हुए सर्वोच्च न्यायालय और चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया है। यह दुखद है लेकिन अपने लोकतंत्र के इस राजनीतिक विकृति को स्वीकार करते हुए ही हमें आगे बढ़ना है। विपक्ष की आलोचना के विपरीत आम मतदाता चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर विश्वास करता है।
हम यही उम्मीद करते हैं कि चुनाव के दौरान राजनीतिक दलों द्वारा की जा रही मर्यादा अतिक्रमण को नजरअंदाज करते हुए आम मतदाता चुनाव आयोग जैसी संवैधानिक संस्था पर अपना विश्वास बनाए रखें और जाति, क्षेत्र, संप्रदाय, वंश आदि से उठकर खुलकर मतदान करें। चुनाव देखने आने वाले विदेशी पर्यटक या पर्यवेक्षक भारतीय मतदाताओं के बारे में शानदार धारणा बनाकर जाएं, इसका ध्यान हम सभी को रखना है।
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