जीत की तिकड़ी

Last Updated 24 Oct 2017 02:39:02 AM IST

बीता रविवार यानी 22 अक्टूबर का दिन भारतीय खेलों के हिसाब से खुशियां भरा दिन रहा. इस दिन भारत ने लगभग एक दशक बाद एशिया कप हॉकी का खिताब जीता.


जीत की तिकड़ी

किदाम्बी श्रीकांत ने डेनमार्क ओपन के रूप में कॅरियर का पांचवां सुपर सीरीज खिताब जीता. वहीं गगनजीत भुल्लर ने मकाऊ ओपन का गोल्फ खिताब जीतकर खुशियों को और बढ़ाया.

इन खुशियों में भारतीय कप्तान विराट कोहली ने अपने कॅरियर के 200वें वनडे मैच में शतक जमाकर रिकी पोंटिंग (30) को पीछे छोड़कर अपने को सचिन तेंदुलकर (49) के बाद दूसरे स्थान पर पहुंचा दिया. पर इन खुशियों के बीच भारतीय खेलप्रेमियों को एक तगड़ा झटका भी लगा.

भारतीय टीम न्यूजीलैंड से पहले वनडे  मैच में हार गई. हम सभी जानते हैं कि देश में क्रिकेट सबसे लोकप्रिय खेल है, फिर भी देशवासियों ने क्रिकेट की हार में बाकी खुशियों को दबने  नहीं दिया. एशिया कप हॉकी की बात करें तो भारत यह खिताब 2007 के बाद हासिल कर सका है. इसके साथ ही हम एशियाई स्तर पर अपना पूरा दबदबा बनाने में सफल हो गए हैं.

इससे पहले भारत के पास एशियाई खेलों, एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी और एशियाई अंडर-18 ट्रॉफी के खिताब पहले से था. इस जीत से भारत के नये कोच सोर्ड मारिने पर सफलता का ठप्पा लग गया है. लेकिन उनकी असल परीक्षा भुवनेश्वर में एक से 10 दिसम्बर तक होने वाली र्वल्ड हॉकी लीग के फाइनल्स में होनी है.

इसमें भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और जर्मनी में से किन्हीं दो को हराकर अगले चरण में पहुंच सकी तो लगेगा कि भारतीय हॉकी की कमान सुरक्षित हाथों में है. बैडमिंटन में श्रीकांत ने दक्षिण कोरिया के ली हयुन इल को हराकर यह खिताब जीता.

इससे पहले यह खिताब भारतीय शटलरों में प्रकाश पादुकोण ने 1979 में जीता था. वहीं भुल्लर की सफलता के भी कम मायने नहीं हैं. हां, इतना जरूर है कि भारतीय क्रिकेट टीम ने भी न्यूजीलैंड को फतह कर लिया होता तो खेलप्रेमियों की खुशी दोगुनी हो जाती. उस स्थिति में कोहली का कॅरियर का 200वां मैच भी यादगार बन सकता था. अब तो इन खुशियों में ही खुश रहने की जरूरत है.



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