फैसलों का बचाव

Last Updated 24 Oct 2017 02:47:44 AM IST

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात के दाहेज में जो कुछ कहा है उसका अर्थ यही है कि विपक्ष के विरोध एवं आलोचनाओं के बावजूद वे आर्थिक मोर्चे पर आगे भी कड़े कदम उठाने का मन बना चुके हैं.


फैसलों का बचाव

उन्होंने कहा भी कि हमने कड़े फैसले लिये हैं और ऐसा करना आगे भी जारी रखेंगे. तो क्या आने वाले दिनों में हमें कुछ और बड़े सुधारों के लिए तैयार रहना होगा?

ऐसा लगता है कि प्रधानमंत्री का मुख्य उद्देश्य ऐन चुनाव के समय विपक्ष की नोटबंदी एवं जीएसटी की आलोचनाओं को देखते हुए लोगों तक यह संदेश देना था कि उनके कदम सही थे और इससे अर्थव्यवस्था को लाभ मिला है.

मोदी सरकार पर विपक्ष अर्थव्यवस्था का भट्ठा बैठा देने का भी आरोप लगा रहा है और इसके लिए विकास दर के 5.7 तक गिर जाने को प्रमाण के रूप में पेश करता है. अर्थव्यवस्था और आर्थिक नीतियां अभी तक गुजरात में बड़ा चुनावी मुद्दा बनता दिख रहा है.

इसमें प्रधानमंत्री के लिए यह आवश्यक हो गया था कि वे विस्तार से इस पर बात करें एवं अर्थव्यवस्था के ठीक होने का विश्वास दिलाएं. उन्होंने यही किया. मसलन, उन्होंने कहा कि कठोर सुधारों के बाद अर्थव्यवस्था पटरी पर लौटी है और सही दिशा में आगे बढ़ रही है. बहुत से अर्थशास्त्री इस बात पर सहमत हैं कि अर्थव्यवस्था की बुनियाद मजबूत है. राजकोषीय स्थिरता को कायम रखते हुए हम ऐसा करना जारी रखेंगे. प्रधानमंत्री के इन दावों पर जनता कितना विश्वास करेगी इसका फैसला भविष्य में होगा.

किंतु यह बात सही है कि दो तिमाही में विकास दर गिरने का मतलब अर्थव्यवस्था का रसातल में पहुंच जाना नहीं है. भारतीय और वैश्विक संस्थाएं बता रहीं हैं कि भारत की अर्थव्यवस्था तात्कालिक हिचकोले से शीघ्र ही उबरेगी और अगले वर्ष तक फिर से विश्व में सबसे तेज बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बन जाएगी. यह भी सच है कि नोटबंदी एवं उसके तुरंत बाद जीएसटी लागू करने से व्यापार पर विपरीत असर पड़ा है.

इसके असर से उबरने में समय लगेगा. सरकार ने पिछले दिनों जीएसटी परिषद की बैठक बुलाकर कई संशोधनों द्वारा इसे राहतकारी बनाने का कदम उठाया. स्वयं प्रधानमंत्री ने इसके पहले कहा था कि जरूरत पड़ी तो आगे भी बदलाव किए जाएंगे. हमारा मानना है कि नोटबंदी और जीएसटी अब एक यथार्थ है, इसके सही गलत पर बहस करने की बजाय इसके परिणामों पर अध्ययन हो और उसके तात्कालिक विपरीत प्रभावों का अंत करने के लिए कदम उठाए जाएं.



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