जाते हुए समझा गए

Last Updated 25 Jul 2017 04:41:16 AM IST

अपने विदाई भाषण में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने माननीयों को उनके संसदीय दायित्वों के बारे में एक बार फिर सचेत कर दिया.


जाते हुए समझा गए

संसद के केंद्रीय कक्ष में उन्होंने पक्ष और विपक्ष को उनकी भूमिका के मुताबिक ही आगाह किया.

लेकिन इसमें संसदीय प्रणाली की उत्पादकता और गुणवत्ता बढ़ा कर उसे उसके ही मानदंडों पर विसनीयता देने की एक अभिभावकीय चिंता है. प्रणब दा याद दिलाते हैं कि संसद-लोक सभा और राज्य सभा-की 788 सीटों में पूरा देश समाया हुआ है. इसलिए एक-एक सांसद अहम हैं.

देश का वर्तमान और भविष्य तय करने की इनकी साझा जवाबदेही है. इसके लिए सबसे पहले तो संसद के सत्रों का चलना जरूरी है. इसे पक्ष-विपक्ष को मिल कर सुनिश्चित करना है. पर यह जरा कम ही होता है. इसके चलते मौजूदा 16 वीं लोक सभा का अब तक 20 फीसद समय हंगामे में नष्ट हो गया है. इसके पहले 15 वीं लोक सभा का 40 फीसद समय हंगामे और स्थगन में जाया हो गया था.

इसमें फौरी कटौती तो बनती है. जन हित-देश हित के मसलों पर संवाद, मत-भेद और फिर सहमति से निर्णय; तभी संभव है. किसी विधेयक के कानून बनने की यह सामान्य प्रक्रिया है. दुर्भाग्य से यह प्रक्रिया हंगामे की भेंट हो जाती है या फिर इक्के-दुक्के सांसदों की मौजूदगी में उसको पूरा किया जाता है. संसदीय कार्यवाही देख रहे किसी भी व्यक्ति को यह मजाक लग सकता है. जटिलतम मसले पर भी बहस में गिनती के सांसद भाग लेते हैं और उनमें भी बहस का बौद्धिक स्तर औसत के पार नहीं जा पाता.

यह बड़ी चिंता का विषय है. इसलिए कि जल्दबाजी में पारित हुए विधेयक में बहुत सारी कमियां रह जाती हैं, जिनके चलते नौकरशाही और न्यायपालिका को दखल का मौका मिल जाता है. इससे बचने के लिए प्रणब दा बहस में भाग ले रहे सांसदों को विषय की समझदारी बढ़ाने का आग्रह करते हैं. मौद्रिक विषय इसी तरह के हैं. अक्सर ऐसे मसले को अध्यादेश के जरिये ले आया जाता है.

इसकी प्रथा जैसी बनते देख प्रणब मुखर्जी परेशान हो उठते हैं. सरकार को उनकी कड़ी हिदायत है कि अध्यादेश का इस्तेमाल अपरिहार्य परिस्थितियों में ही किया जाए. वह भी उस मामले की संसदीय समिति या उपसमिति को भरोसे में लेकर मान्य प्रक्रिया में उसे शामिल करते हुए. संसद का जारी मॉनसून सत्र एक विदा होते राष्ट्रपति की सलाहियत पर अमल करने का बढ़िया मौका है. उम्मीद है, माननीय उन पर गौर करेंगे.



Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment