खिताब एक कदम
महिला क्रिकेट टीम की कप्तान मिताली राज ने विश्व कप में शिरकत करने से पहले कहा था कि इस टूर्नामेंट को जीतने से भारतीय महिला क्रिकेट में नई क्रांति आ जाएगी.
खिताब एक कदम |
बृहस्पतिवार को भारतीय टीम ने दूसरे सेमीफाइनल मुकाबले में शक्तिशाली टीम आस्ट्रेलिया को 36 रन से शिकस्त देकर क्रांति की ओर मजबूती से कदम बढ़ा दिए हैं.
फाइनल मुकाबला रविवार को खेला जाएगा और अभी तक के शानदार प्रदर्शन से क्रिकेट प्रशंसकों में यह उम्मीद जगी है कि 24 जुलाई भारतीय महिला क्रिकेट के लिए विलक्षण और ऐतिहासिक तारीख के तौर पर अंकित हो जाए.
भारतीय टीम ने लीग मुकाबले में कुल सात मुकाबले खेले, जिसमें पांच में जीत हासिल हुई और दो मैच में उन्हें हार का सामना करना पड़ा. हालांकि, भारतीय कैंप के लिए राहत की बात इसलिए है क्योंकि जिस इंग्लैंड की टीम से खिताबी मुकाबले में भारत भिड़ेगी उसे लीग मैच में लड़कियों ने हार का मजा चखाया हुआ है.
फिलवक्त, टीम इंडिया पूरे रौ में है और खेल के हरेक क्षेत्र में उम्दा प्रदर्शन से यह उम्मीद बलवती हुई है कि निश्चित तौर पर महिला क्रिकेट का रंग-रूप निखरेगा. लेकिन जैसी निखार की जरूरत महिला क्रिकेट को है, उसमें कई पेचोखम हैं. अभी भी कई सूबों में क्रिकेट की बुनियादी सुविधाएं तक मयस्सर नहीं हैं. नतीजतन, खिलाड़ी का मनोबल शुरुआती स्तर पर ही गोते खा जाता है.
विश्व कप स्क्वॉयड में दो खिलाड़ी उत्तराखंड से है, मगर कायदे से वहां नेट प्रैक्टिस तक की सुविधाएं नहीं है. यहां तक कि राज्य स्तरीय टूर्नामेंट तक आयोजित नहीं होते हैं. इन छोटी किंतु संजीदा दिक्कतों को क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ऑफ इंडिया (बीसीसीआई) को दूर करना होगा. हां, मैच फीस और सालाना करार की रकम में भी पुरुषों के मुकाबले महिलाओं को कम भुगतान मिलता है.
इस असमानता को भी खत्म करने की जरूरत है. इसके बावजूद ‘वूमेन इन ब्लू’ का विश्व कप के फाइनल तक का सफर तय करना बड़ी उपलब्धि मानी जाएगी. कप्तान मिताली राज ने टूर्नामेंट की शुरुआत से पहले कहा भी था कि हमारा पहला कदम टूर्नामेंट में सेमीफाइनल में प्रवेश करने की ओर होगा.
अब जबकि टीम ने हैरतअंगेज प्रदर्शन से देशवासियों की उम्मीदों को पंख दे दिए हैं, विश्व कप के 11वें संस्करण में जीत से देश में महिला क्रिकेट को नया आयाम मिलेगा. महिला क्रिकेट फिर फैंस की चहेती बन सकती है. साथ ही लैंगिक समानता और समान अधिकार को बल मिलेगा. अब तक के शानदार प्रदर्शन से लड़कियां इतिहास रचने को उतावली हैं. और देश भी उतना ही बेसब्र है.
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