हादसों पर सजगता

Last Updated 11 Jan 2017 04:57:33 AM IST

केंद्र सरकार सड़क हादसे रोकने को लेकर सजग है. यही वजह है कि बजट सत्र में मोटर वाहन संशोधन विधेयक लाया जा रहा है.


हादसों पर सजगता

हालांकि, अभी यह संयुक्त संसदीय समिति के पास विचाराधीन है, जिसे सुरक्षित यातायात और निरापद वाहन चालन संभव करने के मौजूदा और प्रस्तावित प्रावधानों की समीक्षा करनी है.

दरअसल, वाहन चालकों की लापरवाही के चलते दम तोड़ती जिंदगियों पर केंद्र बहुत चिंतित है. इसलिए कि देश में प्रत्येक वर्ष पांच लाख सड़क दुर्घटनाएं होती हैं और इनके कारण तकरीबन 1,42,000 लोग दम तोड़ देते हैं. पांच लाख से ज्यादा घायल होते हैं और कितने ही तो जिंदगी भर के लिए अपंग हो जाते हैं.

यानी देश में हर एक मिनट में एक सड़क दुर्घटना होती है और चार से कम मिनट में एक मौत. आशय यह कि जितने लोग बीमारियों व प्राकृतिक आपदाओं से नहीं मरते, उनसे कहीं ज्यादा सड़क हादसों में मर रहे हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक भारत में मौत का छठा सबसे बड़ा कारण सड़क हादसे हैं. ऐसा नहीं है कि यातायात को नियंत्रित और व्यवस्थित करने के लिए देश में कानूनों का कोई अभाव है.

अलबत्ता, सुरक्षित यातायात के लिए अपेक्षित सांस्कृतिक सजगता का अभाव जरूर है. यह विकास के इस चरण में भी जारी है, जबकि भारत चांद-मंगल पर जाने लगा है और वह दुनिया की ताकतवर अर्थव्यवस्था है! इसकी एक ही बड़ी वजह है-हमारी अराजक मानसिकता, जो खुद की सुरक्षा खातिर बनाये नियमों का भी बिना चाबुक चले पालन नहीं करती. कायदे के पाबंद होने में अपनी हेठी समझती है.

नाबालिगों को वाहन चलाने देने, अनियंत्रित रफ्तार से उन्हें सावधान न करने; लाइसेंस के न होने, नशे में तथा बिना हेलमेट-बेल्ट के ही वाहन चला कर नियमों को धज्जियां उड़ाने में मानसिकता का यही सामंतवादी पक्ष दिखता है. जाहिर है कि व्यक्ति खुद ही दुर्घटनाओं के लिए ज्यादा जवाबदेह है. लेकिन इसमें करीब-करीब सालों भर खराब रहने वाली सड़कों का भी अनुपात उतना ही है.

अगर सरकार दुर्घटना रोकने या कम करने के मानक स्थापित करने के प्रति वाकई गंभीर है तो उसकी जिम्मेदारी तिहरी है. सुरक्षित सड़कें, जिनमें उनकी नियमित देखभाल से लेकर आपातवाहन तक के इंतजाम शामिल हैं, के साथ नागरिकों को सुरक्षा के प्रति जागरूक करना और चुस्त-चौकस व निष्पक्ष ट्रैफिक पुलिस की. इनके साथ नागरिक बोध जुड़े तो सड़कें मौत नहीं बनेंगी.



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