संयोजन साधने नहीं, सीरीज जीतने उतरेगी टीम इंडिया
पिछले चार मैचों में विश्व कप के लिए टीम संयोजन के समीकरण बनने के बजाय बिगड़ने के बाद अब भारतीय टीम आस्ट्रेलिया के खिलाफ बुधवार को होने वाले पांचवें और अंतिम वनडे मैच में सीरीज जीतने के लक्ष्य के साथ फिरोजशाह कोटला मैदान पर उतरेगी।
नई दिल्ली : अभ्यास सत्र के दौरान आस्ट्रेलिया के कप्तान आरोन फिंच और कोच लेंगर के साथ खिलाड़ी। |
भारत ने जब इस सीरीज में कदम रखा तो तब माना जा रहा था कि इंग्लैंड एवं वेल्स में 30 मई से शुरू होने वाले विश्व कप के लिये उसे केवल दो स्थान तय करने हैं लेकिन पिछले चार मैचों में टीम के कुछ कमजोर पक्ष उभरकर सामने आए। जिससे विश्व कप संयोजन को लेकर थोड़ी अस्पष्टता बन गई है लेकिन यह अच्छा है कि सही समय पर टीम प्रबंधन को तमाम पहलुओं पर मंथन करने का मौका मिलेगा।
भारत के पास पहले दो मैच जीतने के बाद प्रयोग करने का मौका था लेकिन इसके बाद उसने अगले दोनों मैच गंवा दिए जिससे पांचवां मैच निर्णायक बन गया है। ऐसे में विराट कोहली एवं टीम का मुख्य लक्ष्य सीरीज जीतना बन गया है क्योंकि वह पिछले तीन वर्षो के अपने शानदार रिकॉर्ड को बरकरार रखने की कोशिश करेगी। भारत ने पिछले तीन वर्ष में जो 13 द्विपक्षीय सीरीज खेली हैं उनमें से 12 में जीत दर्ज की है। मोहाली में 359 रन का विशाल लक्ष्य हासिल करके रिकॉर्ड बनाने वाले आस्ट्रेलिया अब पहले दो मैच गंवाने के बाद पांच मैचों की सीरीज जीतने वाली टीमों की विशिष्ट श्रेणी में शामिल होना चाहेगा। रांची और विशेषकर मोहाली की जीत से उसका मनोबल बढ़ा होगा लेकिन कोटला के स्पिनरों के लिए अनुकूल माने जाने वाली पिच पर उसके बल्लेबाजों की कड़ी परीक्षा होगी।
सीरीज से पहले लग रहा था कि भारत की विश्व कप टीम के 13 स्थान पक्के हैं और अब केवल दूसरे सलामी बल्लेबाज और एक गेंदबाज का स्थान तय करना है लेकिन अंबाति रायुडू की नाकामी, ऋषभ पंत का विकेटों के पीछे का लचरपन, राहुल में निरंतरता का अभाव और युजवेंद्र चहल की क्षीण पड़ती मारक क्षमता ने टीम प्रबंधन के लिए चिंता बढ़ा दी है।
शिखर धवन का फार्म में लौटना भारत के लिए अच्छी खबर है। वैसे धवन को लेकर टीम प्रबंधन पहले भी चिंतित नहीं था। अपने घरेलू मैदान पर अब तक केवल एक बार (टी-20, बनाम न्यूजीलैंड 2017) में अपने बल्ले का कमाल दिखाने वाला बाएं हाथ का यह बल्लेबाज मोहाली की फार्म यहां बरकरार रखना चाहेगा। दिल्ली के दर्शकों को कोहली से भी बड़ी पारी की उम्मीद रहेगी जिन्होंने कोटला पर वनडे और टेस्ट में एक-एक शतक लगाया है। पंत पहली बार अपने घरेलू मैदान पर अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने के लिए उतरेंगे और वह इसे यादगार बनाकर पिछले मैच में विकेटकीपर के तौर पर की गई गलतियों को सुधारना चाहेंगे। भुवनेश्वर कुमार ने पिछले मैच में डेथ ओवरों में निराश किया।
आस्ट्रेलियाई टीम का प्रदर्शन उतार-चढाव वाला रहा लेकिन विश्व कप से पहले वह बेहतर टीम नजर आने लगी है। शीर्ष क्रम में कप्तान आरोन ¨फच और शान मार्श की अनियमित फार्म टीम के लिए चिंता का विषय होगी लेकिन मध्यक्रम और निचले मध्यक्रम में पीटर हैंड्सकांब, ग्लेन मैक्सवेल और एश्टन टर्नर की सकारात्मक बल्लेबाजी से उसका मनोबल बढ़ा है। कोटला का विकेट पर अगर स्पिनरों को मदद मिलती है तो लेग स्पिनर एडम जंपा और ऑफ स्पिनर नाथन लियोन दोनों को टीम में जगह मिल सकती है। इस मैदान पर अब तक दोनों टीमों के बीच चार मैच खेले गए हैं जिसमें से भारत ने तीन में जीत दर्ज की है।
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