Paris Olympics 2024 : पेरिस ओलंपिक की तैयारी पर फोकस, भारत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेगा

Last Updated 11 Mar 2024 08:51:24 AM IST

Paris Olympics 2024 : केंद्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री अनुराग ठाकुर पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत के सर्वश्रेष्ठ को लेकर बेहद आश्वस्त हैं। भारत का ओलंपिक की तैयारी पर पूरा फोकस है। पेरिस ओलंपिक की विशेष तैयारी को लेकर अनुराग ठाकुर का विशेष साक्षात्कार इस प्रकार है।


अनुराग ठाकुर, केंद्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री

Paris Olympics 2024 : पेरिस ओलंपिक का आयोजन अगस्त 2024 में होने जा रहा है, भारतीय टीम की तैयारियों के बारे में आपके क्या विचार हैं ? इस बार भारत कितने पदक जीतने की उम्मीद कर रहा है?

हमने सटीक क्वालीफिकेशन हासिल करने और पेरिस 2024 ओलंपिक खेल के लिए उत्कृष्ट  तैयारी करने के लिए अपने खिलाड़ियों को तहे दिल से हरसंभव सहयोग प्रदान किया है। वैसे तो पदकों को लेकर कोई विशेष आंकड़ा हमारे मन में नही है, लेकिन मुझे विश्वास है कि हमारे खिलाड़ी इस बार ओलंपिक खेलों में भारत की ओर से सर्वश्रेष्ठ प्रदशर्न करेंगे। हमारे खिलाड़ी निडर हैं और वे स्वयं को दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों के समकक्ष मानते हुए उन्हें कड़ी टक्कर देते हैं। हमने यह सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है कि भारत के अधिकतम खिलाड़ी पेरिस ओलंपिक खेलों के लिए क्वालीफाई करें और उनकी तैयारी बिल्कुल सटीक हो। इस ओलंपिक चक्र में चुनिंदा ओलंपिक खेलों में आवश्यक प्रशिक्षण पाने और स्पर्धा के लिए स्वयं को पूरी तरह से तैयार करने के लिए विदेश की 350 से भी अधिक यात्राएं स्वीकृत की गई थीं। हमने खिलाड़ियों को भारी जन अपेक्षा के दबाव का सामना किए बिना ही अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए तैयार रहने के लिए प्रोत्साहित किया है।

Paris Olympics 2024 : फिलहाल ओलंपिक क्वालीफिकेशन परिदृश्य क्या है?

अब तक हमारे 58 खिलाड़ी पेरिस 2024 ओलंपिक खेल के लिए क्वालीफाई कर चुके हैं। पहली बार पुरु ष और महिला दोनों ही टेबल टेनिस टीमों ने ओलंपिक खेलों के ड्रॉ में अपना स्थान सफलतापूर्वक अर्जित कर लिया है। इसी तरह भारत ने पहली बार महिलाओं की स्कीट शूटिंग और अारोही (ड्रेसेज) में एक-एक कोटा हासिल किया है।

Paris Olympics 2024 : पिछले कुछ वर्षो में खेल-कूद को बढ़ावा देने के प्रति सरकार के नजरिए में क्या बदलाव आया है?

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने खिलाड़ियों को सदैव ही ‘नए साहसी भारत’ को ध्यान में रखते हुए निडर होकर प्रतिस्पर्धा करने के लिए प्रेरित किया है जो कई क्षेत्रों में वैिक स्तर पर अग्रणी देश के रूप में उभर रहा है। रियो ओलंपिक के बाद से लेकर अब तक की अवधि में एक सबसे महत्वपूर्ण बदलाव यह देखने को मिला है कि खिलाड़ियों के लिए खेल-कूद में अपना सफल मुकाम बनाना काफी आसान हो गया है। प्रशिक्षण और स्पिर्धा के लिए खिलाड़ियों के प्रस्तावों को पहले के मुकाबले अब कहीं अधिक तेजी से मंजूरी दे दी जाती है, कभी-कभी तो कुछ ही घंटों में मंजूरी दे दी जाती है। मंत्रालय और राष्ट्रीय खेल महासंघों ने उन खेलों और स्पर्धाओं की पहचान करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है जिनमें भारत उन खेलों से अलग हटकर पदक जीतने की व्याकप क्षमता विकसित कर सकता है जिनमें वैिक मंच पर पहले ही अपेक्षित परिणाम प्राप्त हो चुके हैं और जिनमें बेहतर किया जा सकता है। हमने साइकिलिंग और तैराकी जैसे खेलों को काफी प्रोत्साहित किया है जिनमें कई पदक जीतने का अवसर मिलता है, ताकि अपने कुल पदकों की संख्या बढ़ाने में काफी योगदान मिल सके।

Paris Olympics 2024 : खेलों में वित्त पोषण के बारे में आप क्या कहना चाहेंगे ? सरकार खेलों के विकास पर कितना पैसा खर्च कर रही है ?

जहां तक निवेश का प्रश्न है, इतना कहना ही पर्याप्त होगा कि सरकार ने पिछले एक दशक में मंत्रालय के बजट का आकार तीन गुना बढ़ा दिया है। मंत्रालय का बजट 2013-14 में 1,093 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 2023-24 में 3397.32 करोड़ रुपए कर दिया गया है और एथलीटों को सही समय पर सही समर्थन प्रदान किया जा रहा है। सरकारी बजटीय सहायता के अलावा, सीएसआर फंड के माध्यम से खेलों में कॉरपोरेट और निजी निवेश ने भी भारतीय खेल के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

Paris Olympics 2024 : सरकार ने खेलो इंडिया में काफी निवेश किया है। क्या इसके अपेक्षित परिणाम निकले हैं ?

निश्चित रूप से, खेलो इंडिया योजना के अच्छे परिणाम आए हैं। यह मात्र एक योजना भर नहीं है, बल्कि यह एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन बन गया है। खेलो इंडिया का एक प्रमुख उद्देश्य व्यवस्थित प्रशिक्षण के माध्यम से प्रतिभा की पहचान करना और उसे निखारना है। हम वर्तमान में 2800 से अधिक एथलीटों को समर्थन प्रदान कर रहे हैं। इन एथलीटों को उनके प्रशिक्षण, भोजन, आवास, स्वयं के खचरे के लिए जेब खर्च भत्ते हेतु सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से 6.28 लाख रुपए की वार्षिक छात्रवृत्ति दी जाती है। हर वर्ष इस योजना में नए एथलीटों को शामिल किया जाता है और उनके प्रदशर्न की निरंतर निगरानी की जाती है जो यह सुनिश्चित करती है कि नियमित रूप से अपेक्षित प्रदर्शन न कर पाने वाले खिलाड़ियों को इस योजना से बाहर भी किया जा सके।

Paris Olympics 2024 : क्या आप हाल के वर्षो में हुए खेल अवसंरचना विकास पर कुछ प्रकाश डाल सकते हैं ?

किसी भी खेल इकोसिस्टम के लिए अवसंरचना मुख्य आधार होती है - सुविधा और मानव संसाधन, दोनों ही संदर्भ में। आधुनिक खेल सुविधाओं को जमीनी स्तर की प्रतिभाओं के पास ले जाने की जरूरत है, क्योंकि इससे यह सुनिश्चित होगा कि एथलीटों को दूर जाने की बजाय अपने घर के करीब ही मार्गदर्शन और सुविधाएं प्राप्त होंगी। खेल अवसंरचना निर्माण और उन्नयन के लिए, वित्त मंत्रालय द्वारा 2024-25 तक के लिए 1,879 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। हमारा प्रयास उपयुक्त समझौता ज्ञापनों (एमओयू) के माध्यम से राज्यों/केंद्र-शासित प्रदेशों की खेल अवसंरचना का अधिकतम उपयोग करना है। ‘एक राज्य, एक खेल’ पहल के तहत राज्य द्वारा चयनित प्राथमिकता वाले खेल के लिए राज्य उत्कृष्टता केंद्रों और खेलो इंडिया केंद्रों को अधिकतम वित्तीय सहायता देने के लिए प्रावधान किए जा रहे हैं।

Paris Olympics 2024 : प्रधानमंत्री ने 2030 में युवा ओलंपिक की मेजबानी की भी बात कही है, इसकी क्या योजना है? क्या कोई शहर चिह्नित किया गया है?

हां, हम 2036 में ग्रीष्मकालीन ओलंपिक से पहले, 2030 में युवा ओलंपिक खेलों की मेजबानी करने के प्रति उत्सुक हैं। हालांकि, हम अभी योजना-तैयारी के चरण में हैं और प्रारंभिक चर्चा की जा रही है। हम अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति की आवश्यकताओं के अनुसार योजना बनाएंगे। फ्यूचर होस्ट्स कमीशन के साथ बातचीत सकारात्मक रही है।

समयलाइव डेस्क
नई दिल्ली


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