एशियन गोल्ड मेडलिस्ट बॉक्सर डिंको सिंह ने दुनिया को कहा अलविदा, केंद्रीय खेल मंत्री ने जताया दुख
एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता डिंको सिंह (Dingko Singh) का यकृत के कैंसर से लंबे समय तक जूझने के बाद गुरुवार को निधन हो गया। वह 42 साल के थे और 2017 से इस बीमारी से जूझ रहे थे।
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खेल मंत्री कीरेन रीजीजू ने ट्वीट किया, ''मैं श्री डिंको सिंह के निधन से बहुत दुखी हूं। वह भारत के सर्वश्रेष्ठ मुक्केबाजों में से एक थे। डिंको के 1998 बैकाक एशियाई खेलों में जीते गये स्वर्ण पदक ने भारत में मुक्केबाजी क्रांति को जन्म दिया। मैं शोक संतप्त परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे। ''
I’m deeply saddened by the demise of Shri Dingko Singh. One of the finest boxers India has ever produced, Dinko's gold medal at 1998 Bangkok Asian Games sparked the Boxing chain reaction in India. I extend my sincere condolences to the bereaved family. RIP Dinko pic.twitter.com/MCcuMbZOHM
— Kiren Rijiju (@KirenRijiju) June 10, 2021
मणिपुर का यह मुक्केबाज कैंसर से पीड़ित होने के अलावा पिछले साल कोविड-19 से भी संक्रमित हो गया था।
भारत के पहले ओलंपिक पदक विजेता मुक्केबाज विजेंदर सिंह ने ट्वीट किया, ''इस क्षति पर मेरी हार्दिक संवेदना। उनका जीवन और संघर्ष हमेशा भावी पीढ़ियों के लिये प्रेरणास्रोत रहेगा. मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि शोक संतप्त परिवार को दुख और शोक की इस घड़ी से उबरने के लिये शक्ति प्रदान करे। ''
My sincerest condolences on this loss May his life's journey & struggle forever remain a source inspiration for the upcoming generations. I pray that the bereaved family finds the strength to overcome this period of grief & mourning #dinkosingh
— Vijender Singh (@boxervijender) June 10, 2021
डिंको ने 1998 में एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीता था और उन्हें उसी साल अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। खेलों में उनके योगदान के लिये उन्हें 2013 में पदम श्री से सम्मानित किया गया था। नौसेना में काम करने वाले डिंको मुक्केबाजी से संन्यास लेने के बाद कोच बन गये थे।
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