सौरभ वर्मा बने चैंपियन

Last Updated 16 Sep 2019 01:45:16 AM IST

भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी सौरभ वर्मा ने रविवार को वियतनाम ओपन बीडब्ल्यूएफ टूर सुपर 100 टूर्नामेंट के पुरुष एकल फाइनल में चीन के सुन फेई शियांग को हराकर खिताब अपने नाम किया।


सौरभ वर्मा

दूसरे वरीय सौरभ ने 75 हजार डालर पुरस्कार राशि वाले टूर्नामेंट के एक घंटे 12 मिनट तक चले फाइनल मुकाबले को 21-12, 17-21, 21-14 से अपने नाम किया। इस जीत के बाद सौरभ ने कहा, ‘इस सप्ताह मैंने जैसा खेल खेला उससे काफी खुश हूं। मैंने जापान के तीन खिलाड़ियों के खिलाफ जीत दर्ज की और उन खिलाड़ियों के खेलने का तरीका एक जैसा था। वे आक्रामक खेल रहे थे और कोर्ट पर उनके खेल में जो थोड़ा अंतर था उस पर मुझे ध्यान देना था। उन्हें हराना अच्छा रहा।’ सौरभ ने चैंपियन बनने के सफर में जापान के कोदाई नारोका, यू इगाराशी और मिनोरू कोगा को शिकस्त दी। मौजूदा राष्ट्रीय चैंपियन सौरभ इस साल हैदराबाद ओपन और स्लोवेनियाई अंतरराष्ट्रीय चैंपियनशिप का खिताब भी जीत चुके हैं।

भारतीय खिलाड़ी ने कहा, ‘फाइनल मुकाबला मुश्किल था लेकिन मैं खुश हूं कि मैं अपने तरीके से खेल सका और विजेता बना। इस खिताब से मेरा मनोबल बढेगा।’ सौरभ और सुन के बीच यह तीसरी भिड़ंत थी। सौरभ ने इससे पहले कनाडा और हैदराबाद में जापान के इस खिलाड़ी को हराया था। विश्व रैंकिंग में 38वें स्थान पर काबिज सौरभ ने फाइनल के बारे में कहा, ‘पहले गेम में मैं उसके कमजोर रिटर्न का इंतजार कर रहा था। मुझे लगा कि उसका डिफेंस कमजोर है और उसका फायदा उठाना चाहता था। उसने जरूत से ज्यादा असहज गलतियां की जिसका मुझे फायदा हुआ।’
सौरभे कहा, ‘दूसरे गेम में मुझे कोर्ट के दूसरे तरफ परेशानी हो रही थी और उसने बड़ी बढ़त कायम कर ली। तीसरे गेम में कोर्ट का बदलाव होने से मैं फिर से अपनी रणनीति के मुताबिक खेल पाया। इस जीत से मैं खुश हूं।’’ सौरभ से जब पूछा गया कि क्या वह 24 से 29 सितम्बर तक खेले जाने वाले कोरिया ओपन विश्व टूर सुपर 500 टूर्नामेंट में भाग लेंगे जिसकी पुरस्कार राशि चार लाख डालर है तो उन्होंने कहा, ‘अभी मैं घर वापस जाऊंगा और अपने शरीर की स्थिति और पूरी तरह से फिट होने के लिए लगने वाले समय को देखने के बाद कोई फैसला करूंगा।’
सौरभ ने फाइनल पहले गेम में दबदबे के साथ शुरुआत करते हुए 4-0 की बढ़त बनायी और ब्रेक के समय वह 11-4 से आगे थे। ब्रेक के बाद भी उन्होंने लय बनाए रखी और स्कोर को 15-4 कर दिया। सुन ने वापसी की कोशिश की लेकिन सौरभ ने आसानी से पहला गेम जीत लिया। दूसरे गेम में सुन ने शानदार खेल दिखाया और 8-0 की बढ़त हासिल कर ली। ब्रेक के समय उनकी बढ़त 11-5 की थी। ब्रेक के बाद भी सौरभ संघर्ष करते दिखे जिसका फायदा उठाते हुए सुन ने गेम अपने नाम कर लिया।
निर्णायक गेम की शुरुआत में 26 साल के सौरभ 2-4 से पिछड़ रहे थे लेकिन ब्रेक तक उन्होंने 11-7 की बढ़त कायम कर ली। चीन के खिलाड़ी ने उन्हें चुनौती दी लेकिन भारतीय खिलाड़ी ने अपनी बढ़त बरकरार रखी। जब वह 17-14 से आगे थे तब उन्होंने लगातार चार अंक हासिल कर चीनी खिलाड़ी के मंसूबो पर पानी फेर दिया। सौरभ पिछले साल डच ओपन और कोरिया ओपन का खिताब जीत चुका है।

 

भाषा
हो ची मिन्ह सिटी


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