अंडर 17 फीफा विश्व कप 2017: सिंगापुर से मिली थी फीफा को वर्ल्ड कप की प्रेरणा
भारत पहली बार फीफा विश्व कप फुटबॉल प्रतियोगिता की मेजबानी करने को तैयार है. 17 साल से कम उम्र के खिलाड़ियों के इस विश्व कप का आयोजन 6 से 28 अक्टूबर तक भारत के छह शहरों में होगा.
अंडर 17 फीफा विश्व कप 2017(फाइल फोटो) |
इसमें क्वालीफाई कर आने वाली 24 टीमें भाग ले रही हैं. भारत ने अपनी तैयारी न केवल टीम के साथ बल्कि आयोजन के दृष्टिकोण से भी युद्ध स्तर पर की है.
इस संबंध में मोहम्मद ईशा उद्दीन की रिपोर्ट की पहली कड़ी.
फीफा ने अंडर 17 विश्व कप की शुरुआत 1985 में की थी. इसके बाद से अब तक 16 बार इसका आयोजन हो चुका है. लेकिन यह विश्व कप शुरू कैसे हुआ, इस बारे में कहानी दिलचस्प है.
असल में 35 साल पहले जब 1982 में फीफा के तत्तकालीन महासचिव जो ब्लाटर सिंगापुर के दौर पर थे तब उन्हें फुटबॉल एसोसिएशन ऑफ सिंगापुर द्वारा आयोजित अंडर 16 लॉयन कप टूर्नाम्रेट देखने को मिला. तभी उनके मन में विचार आया कि क्यों न फीफा भी अपना विश्व कप कम उम्र के खिलाड़ियों के लिए शुरू करे. इस पर जल्द ही फीफा ने अमल किया और 1985 में चीन में पहला अंडर 16 विश्व कप का आयोजन हुआ.
असल में फीफा ने इसकी शुरुआत 16 साल तक के खिलाड़ियों के लिए की थी. लेकिन तीन आयोजनों यानि 1985, 1987, 1989 के बाद 1991 से इसका आयोजन अंडर 17 खिलाड़ियों के होने लगा, जिसका स्वरूप आज हमारे पास है. इसे हर दो साल पर आयोजित किया जाता है.
मुख्य बातें
- इस टूर्नामेंट को पहले फीफा अंडर 16 वर्ल्ड चैंपियनशिप के रूप में जाना जाता था. पहले तीन बार इसका आयोजन हुआ. इसके बाद 1991 से 2005 तक इसे फीफा अंडर 17 र्वल्ड चैंपियनशिप कहा गया. लेकिन 2007 से इसे फीफा अंडर 17 वर्ल्ड कप नाम दिया गया.
- भारत इसमें पहले कभी नहीं खेला. लेकिन भारत को मेजबान होने के नाते ही इसमें सीधा प्रवेश मिला है.
- इस प्रतियोगिता में 1985 से 2015 तक कुल 612 मैच खेले गये और 1859 गोल हुए. कुल मिलाकर 79 देशों को इसमें अब तक भाग लेने का अवसर मिला है.
- सबसे ज्यादा मैच ब्राजील (75) ने खेला, इसके बाद नाइजीरिया (63) और अर्जेंटीना (61) ने खेले हैं.
- भारत में हो रहे इस बार के टूर्नामेंट में तीन देश पहली बार भाग लेंगे. भारत के अलावा नाइजर और न्यू कालेडोनिया भी इसमें शामिल हैं.
- विश्व कप अंडर 17 का सबसे सफल देश ब्राजील नहीं, बल्कि नाइजीरिया है. नाइजीरिया ने इसे पांच बार जीतने के अलावा तीन बार उपविजेता होने का गौरव भी हासिल किया है. जबकि ब्राजील तीन बार विजेता और दो बार उपविजेता रहा. कुल मिलाकर 24 देश कोई न कोई पदक जीतने में सफल रहा है.
- 2005 तक 16 देश इसमें भाग लेते थे, इसके बाद से 24 देश को इसमें हिस्सा लेने दिया गया.
विजेताओं पर एक नजर
वर्ष | विजेता | उपविजेता | मेजबान |
1985 | नाइजीरिया | प. जर्मनी | चीन |
1987 | सोवियत संघ | नाइजीरिया | कनाडा |
1989 | सऊदी अरब | स्कॉटलैंड | स्कॉटलैंड |
1991 | घाना | स्पेन | इटली |
1993 | नाइजीरिया | घाना | जापान |
1995 | घाना | ब्राजील | इक्वाडोर |
1997 | ब्राजील | घाना | मिस्र |
1999 | ब्राजील | आस्ट्रेलिया | न्यूजीलैंड |
2001 | फ्रांस | नाइजीरिया | त्रिनिदाद-टोबैगो |
2003 | ब्राजील | स्पेन | फिनलैंड |
2005 | मैक्सिको | ब्राजील | पेरू |
2007 | नाइजीरिया | स्पेन | द. कोरिया |
2009 | स्विटजरलैंड | नाइजीरिया | नाइजीरिया |
2011 | मैक्सिको | उरूग्वे | मैक्सिको |
2013 | नाइजीरिया | मैक्सिको | यूएई |
2015 | नाइजीरिया | माली | चिली |
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