Champawat Bypoll Results: उपचुनाव में सीएम धामी की ऐतिहासिक जीत, कांग्रेस की निर्मला गहतोड़ी को रिकॉर्ड वोटों से हराया
उत्तराखंड के चंपावत विधानसभा में हुए उपचुनाव में सीएम धामी 54 हजार से अधिक वोट पाकर जीत गए हैं। सीएम धामी की रिकॉर्ड मतों से जीत के साथ ही भाजपा कार्यकर्ताओं ने जश्न शुरू कर दिया है। सीएम धामी 54121 मतों से जीते।
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जबकि उनके खिलाफ चुनाव लड़ने वाल़ कांग्रेस समेत सभी प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गयी ।
शुरुआती रुझान काफी अच्छे आ रहे हैं। ऐतिहासिक मतदान हुआ है और मतगणना के बाद भी इतिहास बनेगा। मैं चंपावत की अतुल्य जनता का आभारी हूं जो इन्होंने इतना समर्थन किया। चंपावत में विकास की आपार संभावनाएं है। उन सभी संभावनाओं पर विचार करेंगे: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, खटीमा, उत्तराखंड pic.twitter.com/6FuO1ORViW
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 3, 2022
धामी ने चंपावत की जनता को जीत के लिए धन्यवाद दिया है । उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा,‘‘प्रिय चंपावतवासियों, चंपावत उपचुनाव में आपके द्वारा वोटों के माध्यम से बरसाए गए प्रेम व आशीर्वाद से मन अत्यंत भावुक है, निशब्द हूं ।'’
चंपावत विधानसभा में उपचुनाव के तहत 31 मई को मतगणना हुई थी। इस उपचुनाव में लगभग 64 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था।
यह उपचुनाव मुख्यमंत्री धामी और भाजपा के लिए कितना ज्यादा महत्वपूर्ण था, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पार्टी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय मंत्रियों स्मृति ईरानी एवं अनुराग ठाकुर, पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनिल बलूनी , प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्रियों एवं धामी मंत्रिमंडल के वरिष्ठ मंत्रियों सहित पार्टी के दिग्गज नेताओं को प्रचार के लिए चुनावी मैदान में उतार दिया था।
दरअसल, राज्य में इसी वर्ष हुए विधानसभा के आम चुनाव में 70 में से 47 सीटें जीतकर भाजपा ने एक नया रिकॉर्ड तो बना लिया था लेकिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी स्वयं अपने विधानसभा क्षेत्र खटीमा से हार गए थे। इस हार के बावजूद पार्टी आलाकमान ने उन पर भरोसा जताते हुए , उन्हें दोबारा मुख्यमंत्री बनाया।
धामी ने 23 मार्च को लगातार दूसरी बार प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार मुख्यमंत्री बने रहने के लिए उन्हें 6 महीने के अंदर विधायक बनना है, इसलिए चंपावत विधानसभा का उपचुनाव उनके राजनीतिक भविष्य को लेकर काफी महत्वपूर्ण हो गया था।
धामी के उपचुनाव लड़ने का रास्ता साफ करने के लिए कैलाश गहतोड़ी ने 21 अप्रैल को अपनी विधानसभा सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया था ।
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