उत्तराखंड में लीज पर मिलेगी जमीन, सारी अड़चनें दूर
उत्तराखंड राज्य में अब कृषि के लिए लीज पर जमीन लेने में आ रहीं सारी अड़चनें दूर हो गई हैं। सरकारी जमीन का जिले स्तर पर रजिस्टर बनेगा और भूमि आवंटन के लिए टेंडर निकाला जाएगा।
उत्तराखंड में लीज पर मिलेगी जमीन, सारी अड़चनें दूर |
उत्तराखंड देश में पहला ऐसा राज्य हो गया है, जिसने खेती की जमीन को लीज पर देने के लिए नीति बनाई है। लीज पर जमीन देने के बदले संबंधित काश्तकारों को जमीन का किराया देना होगा।
राजभवन की मंजूरी के बाद सरकार ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है। नोटिफिकेशन के मुताबिक, अब कोई संस्था, कंपनी, फर्म या स्वयं सहायता समूह गांवों में खेती की जमीन को लीज पर ले सकता है। अधिकतम 30 एकड़ भूमि तीस साल की लीज पर ली जा सकेगी। विशेष परिस्थितियों में ज्यादा जमीन भी लीज पर ली जा सकती है।
शासन का मानना है कि इस नई नीति से लोगों को सरकारी भूमि पाने का समान अवसर मिलेगा। नीति में स्पष्ट रूप से इसकी व्यवस्था की जा रही है। इससे सरकार को दोहरा फायदा होगा। पहला यह कि जिले स्तर पर यह स्पष्ट हो पाएगा कि कहां कितनी सरकारी भूमि उपलब्ध है। दूसरा यह कि सरकार के राजस्व में भी इजाफा होगा।
शासन के सूत्रों का कहना है कि इस नीति को अंतिम रूप दिया जा चुका है। उच्च स्तर पर मंथन जारी है और नीति को मंत्रिमंडल के समक्ष भी रखा जा सकता है।
ऐसी जमीन के आसपास सरकारी भूमि है तो इसे जिलाधिकारी की अनुमति से शुल्क चुकाकर पट्टे पर लिया जा सकेगा। पर्वतीय क्षेत्रों में चकबंदी में आ रही दिक्कतों के मद्देनजर सरकार ने लैंड लीजिंग पॉलिसी बनाई है।
राजस्व सचिव सुशील कुमार ने बताया कि सरकारी जमीन को लेकर सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट से कई आदेश अलग-अलग समय में जारी किए गए हैं। इन निर्देशों के आधार पर ही शासन स्तर पर निर्णय लिया जाना है। शासन स्तर पर यह मामला विचाराधीन है। नीति को अंतिम स्वरूप मिल जाने के बाद ही इस पर कुछ कहा जा सकता है। इस बारे में जल्द निर्णय लिए जाने के प्रयास जारी हैं।
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