उत्तराखंड विधानसभा में जीएसटी विधेयक पारित
उत्तराखंड विधानसभा ने मंगलवार को राज्य माल और सेवाकर (जीएसटी) विधेयक सर्वसम्मति से पारित कर दिया.
उत्तराखंड विधानसभा में जीएसटी विधेयक पारित |
इससे पहले, कल पेश किये गये इस विधेयक को विधानसभा से पारित करने का अनुरोध करते हुए वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने कहा कि गंतव्य आधारित इस कर प्रणाली में 17 विभिन्न प्रकार के करों का एकल कर में समावेश किया गया है.
उन्होंने जोर देकर कहा कि जीएसटी लागू होने से कोई परेशानी नहीं होगी और अगर आने वाले समय में कोई दिक्कत आयी तो उसे जीएसटी परिषद के जरिये दूर कर लिया जायेगा.
पंत ने कहा कि पिछले वर्ष उत्तराखंड की राजस्व वृद्घि 17 प्रतिशत रही है जबकि इसके 14 प्रतिशत से कम रहने पर केंद्र द्वारा क्षतिपूर्ति का प्रावधान है. एसजीएसटी पर अपने विचार रखते हुए नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने कहा कि मुख्यत: उपभोक्ता राज्य होने के नाते राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि प्रदेश में होटल और ट्रैवल एजेंसी के व्यवसाय को नुकसान न पहुंचे और व्यापारियों का उत्पीड़न न हो.
प्रदेश की पूर्व वित्त मंत्री रही इंदिरा ने यह भी कहा कि यहां के उद्योगों को उत्पाद शुल्क में मिलने वाली छूट की प्रतिपूर्ति केंद्र द्वारा की जायेगी और राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि उद्योगों को इसके लिये परेशानी न उठानी पड़े.
सत्ता पक्ष तथा विपक्ष के कई सदस्यों के इस पर अपने विचार रखने के बाद पंत ने इस विधेयक को पारित किये जाने का प्रस्ताव रखा जिसे सदन ने सर्वसम्मति से पारित कर दिया.
वर्तमान में राज्य सरकार माल के विक्रय और क्रय पर मूल्यवर्धित कर, प्रवेश कर, सुख-साधन कर, मनोरंजन कर, उपकर आदि लगाती है लेकिन नये विधेयक में केंद्रीय तथा राज्य सरकारों द्वारा लगाये जाने वाले करों को एकल कर में सम्मिलित किया गया है.
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