उत्तराखंड सरकार वर्ष 2011 के लोकायुक्त कानून को लागू करेगी: राज्यपाल
उत्तराखंड की नवगठित सरकार जनता को भ्रष्टाचार मुक्त शासन और स्वच्छ प्रशासन देने के लिये वर्ष 2011 में बनाये गये लोकायुक्त कानून, लोक सेवक स्थानांतरण कानून और सेवा का अधिकार कानून कड़ाई से लागू करेगी.
कृष्ण कांत पाल (फाइल फोटो) |
जबकि गैरसैंण में राजधानी स्तर की अवस्थापना सुविधाएं विकसित कर उसे सबकी सहमति से ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित करने पर भी शीघता से विचार करेगी.
राज्य विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन राज्यपाल डा कृष्ण कान्त पाल ने अपने अभिभाषण में कहा कि उनकी सरकार राज्य में भ्रष्टाचार मुक्त शासन और स्वच्छ प्रशासन देने का संकल्प लेती है.
उन्होंने कहा, ‘राज्य में मुख्यमंत्री और अन्य जनप्रतिनिधियों, शासन-प्रशासन के उच्च अधिकारियों के विरूद्ध भ्रष्टाचार के प्रकरणों की सुनवाई के लिये मेरी सरकार वर्ष 2011 में बनाये गये लोकायुक्त कानून को प्रभावी तरीके से लागू कर लोकायुक्त की नियुक्ति करेगी’.
राज्यपाल ने कहा कि सरकारी कर्मचारियों के स्थानांतरण में पारदर्शिता लाने के लिये वर्ष 2011 में बनाये गये लोक सेवक स्थानांतरण अधिनियम को पुन: लागू किया जाएगा. गौरतलब है कि वर्ष 2012 में कांग्रेस सरकार के सत्तासीन होने के बाद पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के इस कानून को निरस्त कर दिया गया था.
इसके अलावा, पाल ने भ्रष्टाचार-मुक्त शासन देने के लिये सेवा का अधिनियम कानून को कड़ाई से लागू करने, ई-गवन्रेंस लागू कर सरकार के मनमानेपन को समाप्त करने, योग्य और ईमानदार अधिकारियों को चिन्हित कर उन्हें पोत्साहित किये जाने, आर्थिक अपराधों के लिये विशेष न्यायालयों का गठन किये जाने और टेंडरिंग की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिये ई-टेंडरिंग प्रणाली अपनाये जाने की भी घोषणा की.
राज्यपाल ने कहा कि इसके अलावा सरकार में भ्रष्टाचार की शिकायत दर्ज करने के लिये सीधे मुख्यमंत्री कार्यालय की निगरानी में एक विशेष हेल्पलाइन भी स्थापित की जाएगी.
पाल ने कहा कि उत्तराखंड सरकार राज्य के सभी मौजूदा कानूनों की समीक्षा करके असामयिक और अनुपयोगी कानूनों को समाप्त करेगी. उत्तराखंड के राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश में आपदा प्रभावितों के लिये एक सुस्पष्ट व प्रभावी विस्थापन एवं पुनर्वास नीति बनायी जाएगी और आपदा के बाद प्रभावित क्षेत्रों में पुनर्निर्माण कायरें में तेजी लाने और उनमें भ्रष्टाचार रोकने के लिए सुदृढ़ पारदर्शी व्यवस्था सुनिश्चित की जायेगी.
पाल ने कहा कि प्रदेश सरकार गैरसैंण को राजधानी स्तर की अवस्थापना सुविधाओं से सुसज्जित कर सबकी सहमति से उसे ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित करने पर शीघता से विचार करेगी.
राज्य में शिक्षा व्यवस्था में सुधार को एक चुनौती से कम नहीं बताते हुए राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा के व्यवसायीकरण और शैक्षिक भ्रष्टाचार को रोकने के लिये कड़े कदम उठाये जाएंगे तथा वर्तमान चुनौतियों और तीव गति से बदल रहे वैश्विक परिदृश्य के अनुरूप गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिये शिक्षा नीति की समीक्षा कर पाठयक्र म तैयार किया जाएगा.
गरीब और मेधावी छात्र-छात्राओं को शिक्षा हेतु आर्थिक संसाधन उपलब्ध कराने की घोषणा करते हुए पाल ने कहा कि सरकार प्रत्येक जिले में छात्राओं के लिये आवासीय विद्यालय खोलेगी. इसके अलावा, संस्कृत, वास्तुशास्त्र, ज्योतिष और कर्मकांड के अध्ययन और शोध को भी बढ़ावा दिया जाएगा.
राज्य के सरकारी चिकित्सालयों में चिकित्सकों की कमी को एक बड़ी समस्या बताते हुए राज्यपाल ने कहा कि इससे छुटकारा पाने के लिये गंभीर और कारगर पहल की जाएगी. उत्तराखंड की जनता तक स्वास्थ्य सुविधायें पहुंचाने के अलावा स्वास्थ्यकर्मियों के उत्थान के लिये भी समुचित कदम उठाए जाएंगे.
उत्तराखंड में पर्यटन और तीर्थाटन की असीम संभावनाओं का हवाला देते हुए राज्यपाल ने कहा कि इस क्षेत्र में तत्काल सुधार की आवश्यकता है और राज्य सरकार पर्यटन, कला, संस्कृति और तीर्थाटन के लिये एक सुदृढ़ नीति बनाएगी जिससे पूरे वि में देवभूमि का सम्मान हो.
कृषि क्षेत्र के विकास पर जोर देते हुए पाल ने कहा कि लघु एवं सीमांत कृषकों की समस्याओं के निराकरण के लिए ठोस कार्ययोजना बनाकर काम किया जाएगा और गन्ना किसानों को फसल बेचने के 15 दिनों के अंदर पूरा भुगतान सुनिश्चित कराया जायेगा. साथ ही कृषि उत्पादों की खरीद और किसानों की आय दोगुना करने के उपाय भी किए जाएंगे.
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