बाहुबली मुख्तार अंसारी को दिल्ली HC से झटका, पेरोल रद्द
दिल्ली हाई कोर्ट से बसपा नेता और उत्तर प्रदेश के विधायक मुख्तार अंसारी को बड़ा झटका लगा है. हाई कोर्ट ने अंसारी को पेरोल देने से इनकार कर दिया है. कोर्ट के फैसले के बाद अंसारी को जेल में ही रहना होगा.
![]() मुख्तार अंसारी को HC से झटका, पेरोल रद्द (फाइल फोटो) |
दिल्ली की निचली अदालत ने मुख्तार अंसारी को उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में प्रचार के लिए पेरोल पर जाने की इजाजत दी थी, जिसे दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी.
चुनाव चुनाव अंसारी को पेरोल पर रिहा करने के खिलाफ था.
हाई कोर्ट ने चुनाव आयोग, मुख्तार अंसारी और उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से दलीलें सुनने के बाद गत 22 फरवरी को अपना फैसला सुरक्षित रखा था. सरकार ने भी विधायक को मिली राहत का विरोध किया था. न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता ने फैसला सुरक्षित रखते हुए कहा था, इस मुद्दे पर ध्यान देने की जरूरत है. उन्हें जो मिल रहा है (सशस्त्र सुरक्षाकर्मियों के साथ हिरासत में पैरोल) वह असल में जमानत से ज्यादा है.
हाल में बसपा में शामिल हुए अंसारी मऊ सदर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. निचली अदालत ने चुनाव प्रचार करने के लिए गत 16 फरवरी को उन्हें चार मार्च तक के लिए हिरासत में पैरोल पर रखा है.
चुनाव आयोग की याचिका के बाद हाई कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले के कार्यान्वयन पर रोक लगा दी थी. याचिका में कहा गया था कि वह भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या के मामले में गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं.
2005 में हुई हत्या के मामले में अंसारी के खिलाफ मुकदमा चल रहा है. बाद में उत्तर प्रदेश सरकार, अभियोजन एजेंसी एवं मामले के शिकायतकर्ता ने भी लखनऊ की जेल से अंसारी को रिहा करने के खिलाफ हाई कोर्ट का रूख किया था.
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश विधानसभ चुनाव के छठें चरण में मऊ में मतदान होने हैं और मुख्तार अंसारी मऊ से बसपा के उम्मीदवार हैं.
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