आदित्यनाथ ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश की स्थिति की तुलना कश्मीर से की

Last Updated 31 Jan 2017 05:35:55 PM IST

तेजतर्रार भाजपा सांसद योगी आदित्यनाथ ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश की स्थिति की तुलना कश्मीर में 1990 के दशक से की है जब कश्मीरी पंडितों को घाटी से पलायन करना पड़ा था.


भाजपा सांसद योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो)

भाजपा नेता ने मंगलवार को कैराना से हिंदू परिवारों के कथित पलायन को लेकर उनकी विवादास्पद टिप्पणी के लिए बचाव किया.

गोरखपुर से भाजपा सांसद योगी आदित्यनाथ ने कल शाम गाजियाबाद के लोनी और साहिबाबाद में चुनावी सभाओं में कहा, ''पश्चिमी उत्तर प्रदेश कश्मीर के रास्ते पर जा रहा है. 1990 में कश्मीरी पंडितों को बड़ी संख्या में पलायन के लिए बाध्य किया गया था.''

उन्होंने कहा, ''उत्तर प्रदेश में अपराध, भ्रष्टाचार और गुंडाराज अपने चरम पर है. 1990 में कश्मीर से जैसा पलायन हुआ था, उसी तरह की स्थिति कैराना (शामली में) और अन्य जिलों में है. कार्रवाई में विफलता यह दिखाती है कि अपराधियों को प्रोत्साहित किया जाता है. उन्होंने कहा, ''राज्य सरकार कब तक अपने वोट बैंक की राजनीति राज्य की सुरक्षा की कीमत पर जारी रखेगी.''

योगी आदित्यनाथ की टिप्पणी से पहले भाजपा विधायक सुरेश राणा की टिप्पणी आयी थी जो कि 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों के आरोपी हैं. उत्तर प्रदेश पुलिस ने कल उनके खिलाफ नफरत उकसाने के आरोप में मामला दर्ज किया था.

राणा के खिलाफ यह मामला एक सभा में यह कहने के बाद दर्ज किया गया कि अगले महीने विधानसभा चुनाव में यदि वह फिर से जीत दर्ज कर लेते हैं तो कैराना, देवबंद और मुरादाबाद में कर्फ्यू लग जाएगा.

आदित्यनाथ की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर उत्तर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में स्थिति ''बहुत खराब'' है. उन्होंने सपा सरकार पर गुंडों को संरक्षण देने का आरोप लगाया जो लोगों के पलायन के लिए जिम्मेदार हैं.

यह पूछे जाने पर कि क्या नेताओं के खिलाफ उनकी कथित साम्प्रदायिक टिप्पणियों के लिए कार्रवाई की जाएगी, मौर्य ने कहा, ''राज्य सरकार की विफलता के चलते जो हुआ है और यदि हमारे कुछ नेताओं ने उसके बारे में बात की है, तो उन्होंने क्या गलती की है.''

भाजपा सांसद हुकुम सिंह ने गत वर्ष जून में यह कहकर विवाद उत्पन्न कर दिया था कि एक विशेष समुदाय के आपराधिक तत्वों की कथित धमकियों और उगाही के चलते करीब 350 हिंदुओं ने कैराना से पलायन किया है. सिंह ने यद्यपि बाद में यूटर्न लिया था और कहा था कि वह कोई साम्प्रदायिक मामला नहीं था.

उन्होंने आरोप लगाया था कि सत्ताधारी सपा पलायन के लिए जिम्मेदार असामाजिक तत्वों के खिलाफ कार्रवाई रोक रही है क्योंकि वे उसके समर्थक हैं. राज्य सरकार ने इस आरोप को खारिज कर दिया था.  अपने बयान पर कायम रहते हुए आदित्यनाथ ने आज जोर देकर कहा कि इसे साम्प्रदायिक के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए.

उन्होंने कहा, ''मैंने किसी जाति, समुदाय, धर्म का नाम नहीं लिया है. हम लोगों को धर्म के आधार पर बांट नहीं रहे हैं. यह साम्प्रदायिक राजनीति नहीं है.''



उन्होंने संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा, ''पश्चिमी उत्तर प्रदेश में स्थिति उसके बराबर है जो 1990 के दशक में कश्मीर में हुआ था. मैंने वहां लोगों से कहा कि उन लोगों को नहीं चुने जो इस पलायन के लिए जिम्मेदार हैं. भाजपा आपको सुरक्षा की गारंटी दे रही है.''

उन्होंने कहा, ''भाजपा यदि सत्ता में आयी तो वह यह सुनिश्चित करेगी कि इन क्षेत्रों से पलायन नहीं हो, इसके लिए जिलाधिकारी जिम्मेदार होंगे. इस उद्देश्य के लिए एक विशेष कार्यबल का गठन किया जाएगा.''

यह पूछे जाने पर कि क्या पश्चिमी उत्तर प्रदेश की स्थिति वास्तव में 1990 के दशक में कश्मीर की स्थिति जैसी है जब आतंकवाद ने कश्मीरी पंडितों को अन्य स्थानों पर पलायन के लिए मजबूर कर दिया था, आदित्यनाथ ने कहा, ''पहले क्षेत्र में जाइये जमीनी स्थिति का पता लगाइये.''

सांसद ने कहा कि भाजपा विकास के साथ ही स्थानीय लोगों की सुरक्षा दोनों के लिए है. उन्होंने इन आरोपों को खारिज कर दिया कि उनकी टिप्पणी साम्प्रदायिक है. 

मौर्य ने कहा, ''पश्चिमी उत्तर प्रदेश में स्थिति बहुत खराब है. इसके लिए सपा सरकार जिम्मेदार है. हजारों लोगों को अपना घर और परिवार छोड़ना पड़ा है, विशेष तौर पर उन गुंडों के चलते जिन्हें राज्य सरकार का संरक्षण है.''

उन्होंने कहा, ''सरकार ने गुंडों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है और जो लोग गए हैं सरकार को उन्हें वापस लाना चाहिए. भाजपा ने अपने घोषणापत्र में स्पष्ट रूप से कहा है कि यदि पार्टी सत्ता में आयी तो छोड़कर गए लोगों को वापस लाने के लिए प्रावधान किये जाएंगे.''

उन्होंने कहा, ''इसके साथ ही इसके लिए प्रयास किये जाएंगे कि भविष्य में ऐसी स्थिति उत्पन्न नहीं हो. एक कार्यबल का गठन किया जाएगा. जो गुंडे ऐसी स्थिति के लिए जिम्मेदार हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.''

पार्टी नेताओं के खिलाफ उनकी विवादास्पद टिप्पणी के लिए संभावित कार्रवाई के बारे में मौर्य ने कहा, ''हम देखेंगे. हम अध्ययन करेंगे क्या विधिक कार्रवाई की गई है. पार्टी की ओर से कोई कार्रवाई नहीं.''

आदित्यनाथ ने कल शाम एक चुनावी सभा में उत्तर प्रदेश में सत्ताधारी सपा पार्टी और मुलायम सिंह यादव परिवार पर हमला बोला था और कहा था कि सपा शासन में एक ही परिवार फला फूला है.  उन्होंने दावा किया कि केंद्र ने राज्य को विकास कायरें के लिए 2.5 लाख करोड़ रूपये दिये थे लेकिन कुछ भी दिखायी नहीं देता. उन्होंने कहा, ''चाचा और उनका भतीजा, पिता और उनका पुत्र पैसे के बंटवारे के लिए एकदूसरे से लड़ रहे हैं.''

उन्होंने कहा, ''केवल भाजपा ही राज्य में सुशासन ला सकती है. जनता को मूक दर्शक नहीं बने रहना चाहिए और पार्टी को वोट देने के लिए बाहर आना चाहिए जो यह सुनिश्चित करने के लिए देश को सही दिशा में ले जा रही है कि उत्तर प्रदेश को उसका सही स्थान मिले.''

सभा को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री एवं गाजियाबाद से सांसद वी के सिंह ने भी मतदाताओं से भाजपा का समर्थन करने की अपील की.

भाषा


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