शिवपाल यादव और अमर सिंह कुर्बानी देने को तैयार?
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की रणभेरी बजने के बाद सत्तारूढ़ पार्टी सपा का झगड़ा अब शांत होने की ओर बढ़ता नजर आ रहा है.
![]() शिवपाल और अमर सिंह कुर्बानी देने को तैयार? (फाइल फोटो) |
सुलह के फॉर्मूले के तहत अमर सिंह और शिवपाल यादव को कुर्बानी भी देनी पड़ सकती है और वह इसके लिए तैयार भी हैं.
सूत्रों के मुताबिक चुनाव चिन्ह साइकिल को फंसता देख मुलायम सिंह यादव और शिवपाल यादव बैकफुट पर आ गए हैं. ऐसे में पूरी संभावना दिख रही है कि पार्टी की कमान पूरी तरह अखिलेश यादव को सौंप दी जाए और समाजवादी पार्टी अखिलेश के नेतृत्व में ही विधानसभा चुनाव लड़े. यहां तक कि पार्टी उम्मीदवारों का नाम भी अखिलेश यादव ही तय करेंगे.
अखिलेश ने मुलायम सिंह यादव से सिर्फ तीन महीने की आजादी दिए जाने की मांग की है. सूत्रों के मुताबिक मुलायम अखिलेश को तीन महीने का वक्त देने के लिए तैयार भी हो गए हैं.
दरअसल, टिकट बंटवारे को लेकर बढ़े झगड़े ने पार्टी को दो खेमों में बांट दिया. जहां साफतौर पर अखिलेश खेमा ही मजबूत नजर आ रहा है. चुनाव नजदीक हैं और पार्टी के इस झगड़े से सबसे ज्यादा प्रभावित कार्यकर्ता हैं जो गफलत की स्थिति में हैं और सपा का प्रचार अभियान ठप पड़ा है. बीजेपी इसका पूरा फायदा उठा सकती है.
अखिलेश और मुलायम के बीच सुलह करवाने की कोशिश में जुटे आजम खान का कहना है कि सबसे ज्यादा फिक्रमंद मुसलमान हैं क्योंकि अगर सपा कमजोर होगी तो बीजेपी मजबूत होगी.
वहीं तमाम चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों में भी जहां अखिलेश को मुख्यमंत्री के रूप में पहली पसंद बताया जा रहा है. वहीं राजनीति के जानकारों का मानना है कि यदि सपा में दो फाड़ होता है तो वोट बंटकर बीजेपी के खाते में जाएगा.
इन सबके बीच सपा के बैंक खाते फ्रीज कर दिए गए हैं. सूत्रों के मुताबिक यह कार्रवाई अखिलेश खेमे के एक बड़े नेता ने करवाई है. दिल्ली, लखनऊ, इटावा में कई बैंकों की शाखाओं में सपा के लगभग 500 करोड़ रुपए जमा हैं. इन खातों के फ्रीज होने के बाद फिलहाल अब इनसे कोई लेन-देन नहीं हो सकेगा. इसे चुनाव से ठीक पहले मुलायम और शिवपाल के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है.
चुनाव नजदीक हैं लिहाजा मुलायम सिंह यादव ने भी किसी तरह विवाद को खत्म करने में ही भलाई समझी है.
वहीं सुलह की इन कोशिशों के बीच पार्टी संगठन को बचाने के लिए शिवपाल यादव और अमर सिंह कोई भी कुर्बानी देने को तैयार हैं. सूत्रों के हवाले से खबर है कि अमर सिंह और शिवपाल इस्तीफा देने को तैयार हैं.
शिवपाल और अमर सिंह को भी मालूम है कि पार्टी के साथ ही उनका भी अस्तित्व है और पार्टी से अलग होना किसी भी प्रकार उनके हित में नहीं होगा. फिलहाल की परिस्थियों को देखते हुए और जनता के मूड को भांपते हुए उन्हें भी कुर्बानी देना पार्टी और अपने हित में ही नजर आ रहा है.
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