सपा का राष्ट्रीय अधिवेशन: अखिलेश यादव बने राष्ट्रीय अध्यक्ष

Last Updated 01 Jan 2017 11:59:24 AM IST

समाजवादी पार्टी (सपा) में जारी घमासान के बीच पार्टी महासचिव रामगोपाल यादव की ओर से रविवार को बुलाए गए सपा के आपात राष्ट्रीय अधिवेशन में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिया गया.


अखिलेश बने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष

सपा के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव की ओर से बुलाए गए आपातकालीन राष्ट्रीय अधिवेशन में स्वयं रामगोपाल ने कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव रखे, जिन्हें सर्वसम्मति से पारित किया गया.

रामगोपाल ने अखिलेश को सपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव रखा, जिसे अधिवेशन ने मंजूर किया. अधिवेशन ने मुलायम सिंह यादव को सपा का संरक्षक बनाने के प्रस्ताव पर मुहर लगाई तो राज्यसभा सांसद अमर सिंह को बाहर का रास्ता दिखा दिया.

अधिवेशन में सपा के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल को पद से हटाने के प्रस्ताव को भी स्वीकृति प्रदान कर दी गई.

 

मुलायम ने हालांकि पत्र जारी कर इस अधिवेशन को अवैध और असंवैधानिक करार दिया था. उन्होंने कहा कि अधिवेशन में शामिल होने वालों के खिलाफ अनुशासनहीनता की कार्रवाई की जाएगी.

अधिवेशन में अखिलेश यादव ने कहा, "पार्टी के खिलाफ साजिश करने वालों ने न केवल सपा को नुकसान पहुंचाया, बल्कि नेताजी के सामने भी संकट पैदा किया."

उन्होने दो टूक कहा कि जो भी पार्टी के खिलाफ साजिश करेगा, वह उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वह पार्टी के लिए कोई भी त्याग करने को तैयार हैं. उन्होंने जोर देकर कहा कि नेताजी के साथ उनका रिश्ता कोई खत्म नहीं कर सकता.

उन्होंने कहा, "मैं नेताजी का सम्मान जितना पहले करता था, उससे कहीं ज्यादा भविष्य में करूंगा. लेकिन नेताजी का बेटा होने के नाते मेरी जिम्मेदारी बनती है कि उनके और पार्टी के खिलाफ साजिश के खिलाफ मैं खड़ा होऊं."

उन्होंने कहा, "सपा के खिलाफ साजिशों से पार्टी का लगातार नुकसान हुआ है. उत्तर प्रदेश की सरकार को किसानों, मजदूरों, अल्पसंख्यक सभी वर्गों का समर्थन प्राप्त है और वे चाहते हैं कि सपा की सरकार फिर बने. लेकिन कुछ लोग ऐसा नहीं चाहते. यदि प्रदेश में दोबारा हमारी सरकार बनती है तो सर्वाधिक प्रसन्नता नेताजी को होगी."

उन्होंने पार्टी में साजिशों के लिए शिवपाल और अमर सिंह का नाम लिए बगैर उन पर निशाना साधते हुए कहा, "आने वाले तीन-चार महीने बहुत महत्वपूर्ण हैं, न जाने कौन मिलकर क्या फैसला करवा दे, कौन मिलकर क्या टाइप करवा दे."

उन्होंने विधायकों, नेताओं, कार्यकर्ताओं को धन्यावाद देते हुए कहा कि उनकी वजह से ही पार्टी का मनोबल बना हुआ है.
 

भाषा/आईएएनएस


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