अत्याधुनिक क्वांटम-प्रौद्योगिकी समर्थित हरित Hydrogen उत्पादन

Last Updated 11 Oct 2023 01:56:12 PM IST

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय ने एक नई उच्चप्रवाह क्षमता क्वांटम समर्थित हरित हाइड्रोजन उत्पादन प्रौद्योगिकी विकसित की है। यह हरित हाइड्रोजन उत्पादन को बड़ी मात्रा में बढ़ावा दे सकती है।


बनारस हिंदू विश्वविद्यालय

Hydrogen production: बनारस हिंदू विश्वविद्यालय ने एक नई उच्चप्रवाह क्षमता क्वांटम समर्थित हरित हाइड्रोजन उत्पादन प्रौद्योगिकी विकसित की है। यह हरित हाइड्रोजन उत्पादन को बड़ी मात्रा में बढ़ावा दे सकती है। उत्पादन की गई हाइड्रोजन गैस की उच्च शुद्धता के कारण, ईंधन का उपयोग बिना अतिरिक्त शुद्धिकरण के किया जा सकता है। इससे प्रौद्योगिकी की लागत किफायती हो जाती है।

यह परिवर्तनकारी नवाचार ऊर्जा उत्पादन से लेकर परिवहन और कृषि सहित विभिन्न क्षेत्रों में व्यापक अनुप्रयोग संभावनाएं उपलब्‍ध कराएगा।

उन्होंने अगली पीढ़ी के क्वांटम-संचालित फोटो-उत्प्रेरक को उच्च प्रोटॉन उपलब्धता और गतिशीलता वाले चार्ज ट्रांसफर सिस्टम के साथ प्रस्‍तुत किया और ऊर्जा उत्पादन के लिए क्वांटम उत्प्रेरक अनुप्रयोग भी प्रदान किए।

विश्वविद्यालय की ग्रीन केपलरेट टीम द्वारा यह प्रौद्योगिकी विकसित की गई है।

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय का कहना है कि डॉ. सोमनाथ गराई और प्रोफेसर एस. श्रीकृष्णा की टीम द्वारा विकसित इस प्रौद्योगिकी ने पर्यावरण-अनुकूल ऊर्जा विकल्पों के रूप में ग्रीन हाइड्रोजन के उपयोग का प्रदर्शन किया। ग्रीन केपलरेट टीम ने भंडारण मुक्त प्रत्यक्ष हाइड्रोजन अंतर-दहन इंजन प्रौद्योगिकियों की परिकल्पना की है।

इस टीम ने डीएसटी द्वारा वित्त पोषित इस चालू परियोजना के एक हिस्से के रूप में इंजन क्षमताओं और कार्यात्मकताओं की विभिन्न रेंज के ऑटोमोबाइल में भी इसका प्रदर्शन किया है।

विश्वविद्यालय का कहना है कि इस प्रौद्योगिकी का पेटेंट, हाइड्रोजन और फ्यूल सेल प्रोग्राम, स्वच्छ ऊर्जा अनुसंधान पहल के तहत ‘बुस्टिंग द एच2 इकोनॉमी बाई हार्नेसिंग मैरिट ऑफ क्वांटम एनकैप्सुलेशन कैमिस्‍ट्री, आगमेंटिड काइनेटिक्‍स फॉर वॉटर स्पिलेटिंग रिएक्‍शन अंडर कन्‍फाइनमेंट’ नामक परियोजना के तहत लंबित है। अत्याधुनिक फोटोकैमिकल-रिएक्टर डिज़ाइन में सौर ऊर्जा को अधिकतम करने के लिए अंतर्निहित इलुमिनेशन असेंबली और बाहरी अवतल परावर्तक पैनल की सुविधा मौजूद है। इस टीम ने एक सतत इलेक्ट्रॉन युक्त प्रोटॉन आपूर्ति प्रणाली का निर्माण किया है, जो औद्योगिक धातु-अपशिष्ट का उपयोग करके एक इलेक्ट्रॉन इंजेक्टर तंत्र से प्रेरित है, जिसके द्वारा कठिन अनुकूलन के बाद, प्रयोगशाला पैमाने पर ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन की अधिकतम दर लगभग एक लीटर मिनट प्रति 10 ग्राम तक अर्जित की गई है।

आईएएनएस
नई दिल्ली


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