अतीक की पत्नी शाइस्ता के पक्ष में क्यों बोलने लगे अखिलेश यादव?
प्रयागराज का माफिया अतीक और उसके भाई अशरफ की हत्या हो गई। अतीक का एक बेटा एनकाउंटर में मारा गया। उन सबकी कहानी ख़तम हो गई लेकिन उनकी चर्चाएं आज भी जारी हैं ,और शायद यह तब तक जारी रहेंगीं, जब तक अतीक की पत्नी को पुलिस गिरफ्तार नहीं कर लेती।
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अतीक जब जीवित था तो उसके आगे पीछे घूमने वालों की कोई कमी नहीं थी, लेकिन उसकी मौत के बाद धीरे-धीरे सबने उसकी फैमली से किनारा करना शुरू कर दिया। ऐसे में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा मुखिया अखिलेश यादव ने महीनों बाद शाइस्ता के पक्ष में कुछ बोलकर शायद यह बताने की कोशिश की है कि वह अभी भी उनके पक्ष की सही बात को दुनिया के सामने रख सकते हैं। अखिलेश यादव ने इसकी शुरुवात की है शाइस्ता को माफिया बताने वाले ब्यान की निंदा करके। उसके विरोध में बोलकर।
समाजवादी पार्टी और अतीक अहमद की नजदीकियों के बारे में पूरा उत्तर प्रदेश जानता है। सपा मुस्लिम वोटरों पर अपना एकाधिकार समझती आई है। ऐसे में जब उत्तर प्रदेश की सरकार या यूँ कहिए कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने जब अतीक की पत्नी शाइस्ता को माफिया कहना शुरू किया तो सबसे ज्यादा अखिलेश यादव को बूरा लगा। उन्होंने बिना देरी किए अपना ब्यान दे दिया। उन्होंने उत्तर प्रदेश की पुलिस पर भाजपा की भाषा बोलने का आरोप लगा दिया। शाइस्ता को माफिया कहना अखिलेश को भाया नहीं।
यहां बता दें कि कुछ दिन पहले तक अतीक की पत्नी को लेडी डॉन के नाम से जाना जा रहा था। उमेश पाल की हत्या के बाद यानि जब तक अतीक की ह्त्या और उसके बेटे का एनकाउंटर नहीं हुआ था, तब तक उस पर 25 हजार का इनाम घोषित हुआ था। कुछ दिनों बाद उसकी इनामी राशि बढाकर 50 हजार कर दी गई थी। अब शाइस्ता के ऊपर एक लाख का इनाम रखने की बात की जा रही है। शायद उत्तर प्रदेश पुलिस ने उसकी पूरी तैयारी कर ली है। इसी बीच पुलिस की तरफ से ब्यान आया है कि अब से शाइस्ता को माफिया कहा जाएगा।
उत्तर प्रदेश की पुलिस शाइस्ता को ढूढ़ने की कोशिशों में लगी हुई है। लेकिन अभी तक पुलिस के हाथ कोई भी सुराग नहीं लगा है। शाइस्ता भले ना मिल रही हो लेकिन उसके नाम पर एक बार फिर से राजनीति शुरू हो गई है। हालांकि अतीक की मौत के बाद बहुत कुछ बदल गया है। कई जगह मुस्लिमों ने सपा मुखिया अखिलेश पर ही आरोप लगा दिया कि सपा ने अतीक अहमद का इस्तेमाल अपने फायदे के लिए किया था।
अब ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि शाइस्ता के फेवर में बोलकर अखिलेश मुस्लिम वोटरों को अपने पाले में करने की कोशिश तो नहीं कर रहे हैं। इस समय उत्तर प्रदेश में नगर निकाय के चुनाव चल रहे हैं। दूसरे फेज का चुनाव बुधवार को शुरू हुआ। अखिलेश को शायद भरोसा है कि शाइस्ता के पक्ष में बोलकर मुलिमों को अपने पाले में कर लेंगे। ताकि दूसरे फेज के चुनाव में मुस्लिम उनकी पार्टी को जयादा से ज्यादा वोट कर सकें। क्योंकि मायावती ने तो वैसे भी मुस्लिमों को ज्यादा टिकट देकर सपा का खेल पहले ही बिगड़ दिया है।
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