दो वयस्क एक साथ रहने को स्वतंत्र, दो वयस्कों के बीच लिव-इन रिलेशनशिप वैध है : हाईकोर्ट
Last Updated 01 Jan 2023 08:51:08 AM IST
इलाहाबाद उच्च न्यायालय (HC) ने कहा है कि दो वयस्क एक साथ रहने के लिए स्वतंत्र हैं और किसी भी व्यक्ति को उनके शांतिपूर्ण 'लिव-इन रिलेशनशिप' में हस्तक्षेप करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
![]() इलाहाबाद उच्च न्यायालय |
इस फैसले में कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में एक लड़की के पिता द्वारा दर्ज कराई गई प्राथमिकी को रद्द कर दिया।
न्यायमूर्ति सुनीत कुमार और न्यायमूर्ति सैयद वाइज मियां की इलाहाबाद उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का हवाला देते हुए कहा कि आपसी सहमति के साथ दो वयस्कों के बीच लिव-इन रिलेशनशिप वैध है।
खंडपीठ ने कहा कि एस. खुशबू बनाम कन्नियाम्मल के ऐतिहासिक मामले में शीर्ष अदालत ने कहा है कि लिव-इन रिलेशनशिप भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत जीवन के अधिकार के दायरे में आता है।
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