बनारस बम धमाके : वलीउल्लाह को सुनाई फांसी की सजा
सोलह साल पहले बनारस में हुए सीरियल बम धमाकों के मामलों में गाजियाबाद की जिला एवं सत्र अदालत ने दोषी ठहराए आतंकी वलीउल्लाह को एक मामले में फांसी व दूसरे मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
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तीसरे केस में साक्ष्यों के अभाव में अदालत ने उसे बरी कर दिया।
उत्तर प्रदेश के वाराणसी में वर्ष-2006 में हुए सीरियल ब्लास्ट केस में आरोपी वलीउल्लाह को गाजियाबाद की अदालत ने शनिवार को दोषी ठहराया था।
सिलसिलेवार ब्लास्ट केस के दो मामलों में अदालत ने शनिवार को आतंकी वल्लीउल्लाह को दोषी माना, जबकि एक में बरी कर दिया था। अदालत ने उस पर 50 हजार रुपए जुर्माना भी किया है। बनारस में हुए इन सिलसिलेवार बम धमाकों में 16 लोगों की जान गई थी और 76 लोग घायल हुए थे।
बीते शनिवार को दोषी ठहराए जाने के बाद सोमवार को वल्लीउल्लाह को सजा पर सुनवाई के लिए जिला एवं सत्र न्यायाधीश जितेंद्र कुमार सिन्हा के समक्ष जिला अदालत में पेश किया गया। जिला एवं सत्र न्यायाधीश सिन्हा ने बनारस के संकट मोचन मंदिर में हुए बमकांड में वलीउल्लाह को दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई, साथ ही 50 हजार रुपए जुर्माना किया। यहां बम फटने से सात लोगों की मौत हुई थी।
वर्ष 2006 में हुए सीरियल ब्लास्ट मामले में अभियोजन की तरफ से डीजीसी क्रिमिनल राजेश चंद्र शर्मा ने अदालत के समक्ष साक्ष्य पेश किए। इस मामले में अभियोजन की ओर से कुल 121 गवाह पेश किए गए। बचाव पक्ष की ओर से नौ गवाह पेश किए गए।
अभियोजन व बचाव पक्ष की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने दोषी वलीउल्लाह को दो मामलों में सजा सुनाई व तीसरे मामले में साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया।
अदालत ने दशामेध घाट पर कुकर बम मिलने के मामले में भी वल्लीउल्लाह को दोषी ठहराया था। यहां बम फटने से पहले ही ढूंढ़ निकाला गया था। इस मामले में अदालत ने उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। तीसरा मामला रेलवे कैंट पर बम विस्फोट का था। इस धमाके में नौ लोग मारे गए थे।
इस मामले में साक्ष्यों के अभाव में वल्लीउल्लाह को अदालत ने बरी कर दिया।
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