बिकरू हत्याकांड: 37 पुलिसवालों पर होगी कार्रवाई

Last Updated 22 Nov 2020 11:39:43 AM IST

उत्तर प्रदेश के गृह विभाग ने कानपुर के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक से 37 पुलिसकर्मियों के खिलाफ कथिततौर पर मारे गए गैंगस्टर विकास दुबे के साथ संबंध रखने या कर्तव्य की अवहेलना करने के मामले में कार्रवाई करने को कहा है।


(फाइल फोटो)

अतिरिक्त मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक हरिराम शर्मा और डीआईजी रवींद्र गौड़ वाले तीन सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) ने बिकरू में 8 पुलिस कर्मियों के हत्याकांड में पुलिस की भूमिका की जांच की थी।

दुबे ने पुलिस की टीम पर तब हमला किया था, जब वह उसे गिरफ्तार करने के लिए बिकरू गांव गई थी। बाद में दुबे और उसके 5 सहयोगियों को स्पेशल टास्क फोर्स ने अलग-अलग मुठभेड़ों में मार गिराया था।

एसआईटी की रिपोर्ट में कहा गया है कि 37 पुलिसकर्मी जो कानपुर में थे या तैनात हैं, उन्होंने दुबे को उसकी गिरफ्तारी की जानकारी लीक कर दी थी। इन 37 में से 8 को 'सख्त' कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।

8 पुलिसकर्मियों में से चौबेपुर के स्टेशन अधिकारी विनय तिवारी और सब-इंस्पेक्टर के.के. शर्मा को घटना के बाद निलंबित कर दिया गया था और बाद में गिरफ्तार कर लिया गया। वे उन 38 लोगों में शामिल हैं जिन्हें घात लगाने के आरोप में नामजद किया गया है।

कानपुर के एडीजी जय नारायण सिंह को 6 अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा गया है, जिनके लिए 'हल्की सजा' की सिफारिश की गई है। बाकी के 23 पुलिसकर्मी प्रारंभिक विभागीय जांच का सामना करेंगे। इनमें कानपुर नगर जिले के साथ-साथ पड़ोसी कानपुर देहात जिले के पुलिस अधिकारी भी शामिल हैं।

एसआईटी ने दुबे के मोबाइल फोन के एक साल के रिकॉर्ड का विश्लेषण किया और उसमें पाया कि कुछ पुलिसकर्मी उसके नियमित संपर्क में थे।

इससे पहले शुक्रवार को विकास दुबे की पत्नी, पिता, भाई और परिवार के अन्य सदस्यों के खिलाफ कथिततौर पर फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल कर शस्त्र लाइसेंस और सिम कार्ड खरीदने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई थी।

आईएएनएस
लखनऊ


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