14 नवंबर से अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में होगा कोरोना वैक्सीन का ट्रायल, एक हजार वालंटियर्स लेंगे हिस्सा

Last Updated 01 Nov 2020 12:08:13 PM IST

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) मेडिकल कॉलेज में कोवैक्सीन के क्लीनिकल ट्रायल में हिस्सा लेने के लिए एक हजार स्वयंसेवकों को आमंत्रित किया गया है। ये ट्रायल 14 नवंबर से शुरू होकर जनवरी के अंत तक जारी रहेंगे।


एएमयू के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज (जेएनएमसी) में बड़े पैमाने पर आयोजित हो रहे क्लीनिकल ट्रायल का उद्देश्य हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक के नेतृत्व वाले कोविड-19 वैक्सीन की सुरक्षा और प्रभाव का मूल्यांकन करना है।

इसे लेकर एएमयू के कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने कहा कि जेएनएमसी ने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) से अनुमति लेने के बाद ट्रायल्स की तैयारी बढ़ा दी है। मंसूर ने क्लिनिकल ट्रायल में भाग लेने के लिए सभी आयु वर्ग और सामाजिक-आर्थिक स्तर के स्वयंसेवकों से अपील की और कहा, "परीक्षण या अध्ययन में स्वेच्छा से हिस्सा लेना आपको इलाज और उपचार के बेहतर विकल्प विकसित करने में योगदान करने का मौका देता है। इसमें विभिन्न पृष्ठभूमि के लोगों को आमंत्रित किया जाता है ताकि वैक्सीन के जरिए महामारी को समाप्त करने में मदद मिले।"

जेएनएमसी के प्रिंसिपल प्रोफेसर शाहिद अली सिद्दीकी ने कहा, "क्लीनिकल ट्रायल्स के प्रबंधन के लिए डॉक्टरों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और वकीलों की एक समिति गठित की गई है।"

पहले के क्लीनिकल ट्रायल्स में वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी का उत्पादन देखा जाएगा, जबकि बाद के चरणों के परीक्षणों में यह मूल्यांकन होगा कि क्या वास्तव में टीका लोगों को बीमार होने से बचाता है।

जेएनएमसी कोविड-19 रोगियों के इलाज के लिए अगस्त से प्लाज्मा थेरेपी भी कर रहा है।
 

आईएएनएस
अलीगढ़ (उप्र)


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