उप्र सरकार ने दिहाड़ी मजदूरों को दी है 222.14 करोड़ की मदद

Last Updated 15 Apr 2020 07:28:02 PM IST

उत्तर प्रदेश में कोरोना के प्रकोप से उपजे संकट के बीच योगी सरकार ने लॉकडाउन लागू होने के बाद से दिहाड़ी मजदूरों के खातों में एक हजार रुपये की दर से अब तक 222.14 करोड़ रुपये भेज चुकी है।


उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

उत्तर प्रदेश सरकार का दावा है कि जरूरतमंदों को सामुदायिक रसोई और अन्य माध्यमों से भोजन एवं जरूरी चीजें लगातार मुहैया कराई जा रही हैं। निर्माण कार्य से जुड़े मजदूर, शहर और गांव में ठेला व खोमचा लगाकर रोज गुजारा करने वाले सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता में हैं। इनमें अधिकांश वे लोग हैं जो सरकार की किसी भी लाभार्थी परक योजना से संतृप्त नहीं हैं।

इस वर्ग के लोगों की तलाश और इनके खाते में एक हजार रुपये भेजने की जिम्मेदारी अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त (आईआईडीसी) आलोक टंडन की अध्यक्षता में गठित कमेटी को दी गई। यह कमेटी भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा गठित टीम-11 में से एक है।

आईआईडीसी से मिली जानकारी के अनुसार, निर्माण कार्य से जुड़े 13. 08 लाख श्रमिकों के खातों में अब तक करीब 131 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है। इसी तरह नगरीय और ग्रामीण क्षेत्र के दिहाड़ी मजदूरों के खाते में क्रमश: करीब 53 करोड़ और 39 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है। इनमें से नगरीय और ग्रामीण क्षेत्र के श्रमिकों की संख्या क्रमश: 5.27 और 4. 44 लाख है।

यही समिति यह भी सुनिश्चित करा रही है कि औद्योगिक इकाइयां लॉकडाउन के दौरान श्रमिकों को वेतन दिलाना सुनिश्चित करें। इस क्रम में 33 हजार से अधिक इकाइयों से संपर्क कर अब तक उनमें काम करने वालों को 452़ 34 करोड़ रुपये का भुगतान कराया जा चुका है और करीब 2600 इकाइयां भुगतान करने की प्रक्रिया में हैं।



लॉकडाउन के चलते जरूरी चीजों (दवाएं, कोरोना की रोकथाम और इलाज के दौरान आने वाले सेनिटाइजर, मास्क, पर्सनल प्रोटेक्शन इक्यूपमेंट, आटा, दाल और तेल आदि) का उत्पादन और आपूर्ति होती रहे, इसपर भी कमेटी की लगातार नजर है। ऐसी इकाइयों की समस्याओं की सुनवाई राज्यस्तरीय कंट्रोल रूम में फोन नंबर 0522-2202893 पर 24 घंटे हो रही है। संबंधित विभाग के स्थानीय अधिकारी भी इन इकाइयों के लगातार संपर्क में हैं।

आईएएनएस
लखनऊ


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