विधानसभा सत्र में विपक्ष संयुक्त रूप से उन्नाव मामले में योगी सरकार को घेरेगा

Last Updated 08 Dec 2019 06:37:17 PM IST

उत्तर प्रदेश में पूरा विपक्ष 17 दिसंबर से शुरू हो रहे विधानसभा के शीतकालीन सत्र में उन्नाव मुद्दे को लेकर योगी आदित्यनाथ सरकार को घेरेने की तैयारी कर रहा है। उन्नाव घटना में दुष्कर्म पीड़िता को आग लगा दी गई थी, जिससे उसकी मौत हो गई।


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

इस साल के लोकसभा चुनाव के बाद राज्य का विपक्ष अपने को विधानसभा में एकजुट नहीं दिखा सका था, लेकिन उन्नाव की घटना एकजुटता लाती दिख रही है।

समाजवादी पार्टी के एक विधायक ने कहा, "हम सरकार को कटघरे में लाने के लिए एक संयुक्त रणनीति बनाएंगे। अगर अब नहीं तो कब? हमने अपने नेताओं से कह दिया है कि मतभेदों को दरकिनार करने का समय आ गया है और इस मुद्दे पर हमें जनता की भावनाओं को समझने की जरूरत है।"

पूर्व मुख्यमंत्री व सपा नेता अखिलेश यादव शनिवार को घटना के खिलाफ विधान भवन के बाहर धरने पर बैठे थे।

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के एक नेता ने कहा कि स्थिति की गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि बसपा अध्यक्ष मायावती इस मुद्दे पर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मिलने राजभवन गई थीं।

मायावती आम तौर पर ऐसे मुद्दों पर आगे बढ़कर नेतृत्व नहीं करतीं। उनके इस कदम ने राजनीतिक पंडितों को आश्चर्य में डाल दिया।

कांग्रेस प्रवक्ता दुजेंद्र त्रिपाठी ने कहा कि राज्य में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार महिलाओं के खिलाफ अपराध में वृद्धि के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार है और कांग्रेस सभी स्तरों पर पीड़ितों के लिए संघर्ष करेगी।

इस बीच, आदित्यनाथ सरकार के दो मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य व कमल रानी वरुण शनिवार को उन्नाव में पीड़िता के परिवार से मिलने गए तो उन्हें स्थानीय लोगों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा।

भाजपा सांसद साक्षी महराज भी लोगों के गुस्से के निशाने पर रहे और उन्हें पुलिस सुरक्षा में वहां से निकालना पड़ा।



स्थानीय लोग इस बात से ज्यादा नाराज हैं कि आदित्यनाथ शनिवार को प्रधानमंत्री मोदी के 14 दिसंबर के प्रस्तावित दौरे की तैयारियों देखने कानपुर आए लेकिन उन्होंने पड़ोस के ही उन्नाव में पीड़ित के परिवार से मिलने की जहमत नहीं उठाई।

आईएएनएस
लखनऊ


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