अयोध्या पर फैसले से पहले यूपी में कड़ी चौकसी, धारा 144 लागू, छावनी में तब्दील अयोध्या
अयोध्या मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले से पहले उत्तर प्रदेश में हालात सामान्य रखने के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।
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राज्य में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है और सोशल मीडिया पर खास नजर रखी जा रही है। प्रदेश के अलीगढ, मुरादाबाद, गोरखपुर और मेरठ सहित 21 जिले संवेदनशील घोषित किए गए हैं, जहां अर्धसैनिक बल, पीएसी और त्वरित कार्रवाई बल (आरएएफ) की तैनाती की गई है।
अयोध्या में विवादित जमीन पर मालिकाना हक संबंधी मुकदमे में उच्चतम न्यायालय की पीठ शनिवार पूर्वाह्न 10:30 बजे फैसला सुनाएगी।
हालात को सामान्य रखने के लिए प्रशासन ने कड़े बंदोबस्त किए हैं। अयोध्या को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। वहीं, आसपास के इलाकों में अवरोधक लगाए गए हैं। इसके अलावा लोगों से शांति का अनुरोध करने के लिए धर्म गुरुओं की मदद ली गई है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के लोगों से अपील की है कि वह अदालत के निर्णय को हार जीत के साथ जोड़कर ना देखें। उन्होंने कहा कि यह हम सबकी जिम्मेदारी है कि प्रदेश में शांतिपूर्ण और सौहार्दपूर्ण वातावरण को हर हाल में बनाए रखा जाए। योगी ने यह भी कहा है कि प्रशासन सभी की सुरक्षा और प्रदेश की कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। अगर कोई व्यक्ति कानून के साथ खिलवाड़ करने की कोशिश करेगा तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इस बीच, गृह विभाग के प्रमुख सचिव अवनीश अवस्थी ने बताया कि अयोध्या मामले पर शनिवार को आने वाले फैसले के मद्देनजर बेहद कड़ी चौकसी बरती जा रही है और कहीं कोई गड़बड़ी नहीं होने दी जाएगी। जो भी व्यक्ति किसी भी तरह की हिमाकत करेगा, उसके खिलाफ बहुत सख्त कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा ’ हमारी 100 प्रतिशत तैयारी है। पूरे प्रदेश में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है। जोनल और सेक्टर स्कीम पूरे प्रदेश में लागू कर दी गई है। सभी जगह पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मुस्तैद हैं। मेरी अपील है कि सभी लोग शांति बनाए रखें। किसी भी तरह की कोई कठिनाई नहीं होगी। सभी लोग इसमें सहयोग दें।’
अवस्थी ने दावा किया कि कहीं भी किसी तरह की अफरा-तफरी की स्थिति नहीं है। किसी भी तरह की अनावश्यक कठिनाई नहीं आएगी और फैसला आने के बाद हालात बिल्कुल सामान्य रहेंगे। प्रदेश के पुलिस महानिरीक्षक कानून-व्यवस्था प्रवीण कुमार ने बताया कि प्रदेश के 21 जिलों को संवेदनशील घोषित किया गया है। उन्होंने कहा कि लोगों को अयोध्या की तरफ न जाने देने के लिये कई जिलों में लोगों को अस्थायी रूप से ठहराने का भी इंतजाम किया गया है।
गृह विभाग के सूत्रों ने बताया कि प्रदेश के 21 जिलों को संवेदनशील श्रेणी में रखा गया है। इनमें मुजफ्फरनगर, अलीगढ, कानपुर, वाराणसी, प्रयागराज, गोरखपुर, मेरठ, मुरादाबाद और आगरा जिले भी शामिल हैं। इन जिलों में अर्धसैनिक बल पीएसी और त्वरित कार्रवाई बल (आरएएफ) की तैनाती की गई है। उन्होंने बताया कि पुलिस महानिदेशक ओमप्रकाश सिंह ने सभी जिला पुलिस प्रमुखों से कहा है कि वह अपने यहां संवेदनशील क्षेत्रों में रहने वाले संदिग्ध लोगों का विवरण तैयार करवाएं। साथ ही पुराने मामले में जमानत पर छूटे लोगों के खिलाफ निरोधात्मक कार्रवाई सुनिश्चित करें। साथ ही किसी स्थान पर अगर सांप्रदायिक झगड़ा हो तो उसे सुलझाने की कोशिश करें।
अवस्थी ने कहा कि सोशल मीडिया पर खास तौर पर नजर रखी जा रही है और अफवाह तथा भड़काऊ सामग्री पोस्ट करने के आरोपों में अब तक 71 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
अयोध्या मामले पर आने वाले निर्णय को लेकर किसी भी तरह की आशंका पालने की जरूरत नहीं है। सरकार यह विश्वास दिलाती है कि कहीं कोई गड़बड़ी नहीं होने दी जाएगी।
अवस्थी ने कहा कि सभी जिलों में जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने विभिन्न धर्म गुरुओं से शांति व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग देने की अपील की है। धर्मगुरुओं ने खुद भी पहल करते हुए समाज के विभिन्न वगरें से उच्चतम न्यायालय के फैसले को पूरा सम्मान देने की अपील की है।
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