अयोध्या दिव्य दीपोत्सव को तैयार, 5.51 लाख दीपों से जगमगाएगी रामनगरी
दीपोत्सव के लिए श्रीरामनगरी सज-धजकर तैयार हो गयी है। आज शनिवार को देव दीपावली (छोटी दीवाली) पर मुख्यमंत्री योगी अपने मंत्रिमंडल के साथ 5.51 लाख दीयों से रामनगरी को जगमगाकर दीपोत्सव के नजारे में चार चांद लगाएंगे।
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अयोध्या मुख्यमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट है। इसके कायाकल्प के लिए शासन-प्रशासन ने दिन-रात एक कर दिया है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री 373.69 करोड़ की दर्जनभर योजनाओं का लोकार्पण कर अयोध्यावासियों को अविस्मरणीय तोहफा देंगे।
देव दीपावली पर रामनगरी को जगमगाने के लिए पूरी शक्ति लगा दी गयी है। दीपोत्सव का यह तीसरा साल है। वर्ष 2017 में प्रदेश में भाजपा की सरकार बनते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पौने तीन लाख दीपों से अयोध्या दीपोत्सव की परंपरा शुरू करायी थी जो दूसरे साल में 3.75 लाख तक पहुंचकर गिनीज बुक ऑफ र्वल्ड रिकार्ड में अपनी जगह बना चुकी है।
इस साल पिछले वर्षो के बने अपने ही रिकार्ड को तोड़ने की तैयारी चल रही है। सरयू की अविरल धारा के साथ अयोध्या से लेकर फैजाबाद के गुप्तारघाट तक 5.51 लाख दीपक जलाये जाएंगे। इसमें सिर्फ राम की पैड़ी पर ही चार लाख दीये जलने हैं।
इसका प्रयोजक डॉ राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय है। विश्वविद्यालय ने इन चार लाख दीयों को जगमगाने के लिए छह हजार वालेंटियरों को प्रशिक्षित किया है। एक बार में पांच मिनट तक दीपक जलता रहे, इसके लिए एक दीपक में 20 मिली सरसों का तेल भरा जाना है। बाजार में सरसों का तेल 120 रुपये प्रति लीटर है। साढ़े पांच लाख दीपों को जलाने में लगभग 1.10 लाख लीटर सरसों का तेल खर्च होगा। इस तरह तेल पर 132 लाख रुपये से ज्यादा का कुल खर्च आएगा। इसमें 1.51 लाख दीपक भी शामिल हैं जो अयोध्या नगरी के मठ-मंदिरों व गुप्तारघाट मिलाकर जलाये जाएंगे। इसका जिम्मा स्वयंसेवी संस्थाओं पर है। इस पर तेल व दीपों पर आने वाला व्यय वे स्वयं वहन करेंगे। कार्यक्रम स्थल राम की पैड़ी और आसपास के मंदिरों को गेरुआ रंग में रंग कर भव्यता दी गयी है।
केंद्र और राज्य सरकार ने अयोध्या को अपने केंद्रीय एजेंडे में शामिल करते हुए इसके विकास और विस्तार पर खास जोर दिया है। अयोध्या को अत्याधुनिक सुविधाओं से आच्छादित करते हुए इसे वि स्तर पर चित्ताकषर्क बनाया जा रहा है। रामनगरी से भारतीय संस्कृति और संस्कार का विव्यापी संदेश देने के लिए 250 फीट ऊंची श्रीराम की प्रतिमा की प्रस्तावना भी इसी की कड़ी है। राज्य सरकार ने दीपोत्सव की महिमा बढ़ाने के लिए प्रांतीयकृत मेला घोषित करते हुए 133 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान कर और भी पंख लगा दिये हैं।
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