नोटबंदी: मायावती ने कहा केंद्र सरकार माफी मांगे, अखिलेश ने कहा नाकामयाब

Last Updated 09 Nov 2018 03:19:26 PM IST

केन्द्र की मोदी सरकार द्वारा आठ नवंबर 2016 को लागू की गई ‘नोटबंदी‘ के दो साल पूरे होने पर बहुजन समाज पार्टी ने मांग की है कि केन्द्र सरकार देश से माफी मांगे।


बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती (फाइल फोटो)

 वहीं, समाजवादी पार्टी ने केंद्र से सवाल पूछा कि नोटबंदी का लाभ किसकी जेब में गया ।          

बसपा ने कहा कि जिन सपनों और वादों के साथ नोटबंदी की गई थी, वे अब तक अधूरे हैं।           

बसपा प्रमुख मायावती ने शुक्रवार को जारी एक बयान में कहा, ‘‘नोटबंदी के सम्बन्ध में जो फ़ायदे केन्द्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार ने जनता को गिनाये थे, उनमें से किसी भी उद्देश्य के आज दो वर्ष होने के बाद भी पूरा नहीं होने पर सरकार को लोगों से माफी माँगनी चाहिए । पूर्ण बहुमत की सरकार ‘‘वादाखिलाफी की सरकार’’ के रूप में ही हमेशा याद की जायेगी।‘‘          

वहीं, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा,  ‘‘50 दिन मांगे थे और अब दो साल भी पूरे हो गये लेकिन जनता अभी भी इस सवाल का जवाब पाने का इंतजार कर रही है कि नोटबंदी से कारोबार के चौपट होने तथा बेकारी बेरोजगारी के बढने के सिवाय और क्या मिला ? अगर सरकार इसे सफल मानती है तो यह बताए कि इसका लाभ किसकी जेब में गया ।‘‘          

मायावती ने आरोप लगाया कि जहाँ एक तरफ नोटबन्दी ने आम आदमी की कमर तोड़ दी तो वहीं दूसरी तरफ भाजपा एण्ड कम्पनी के तमाम चहेतों ने इसी बहाने अपने-अपने काले धन को विभिन्न उपायों के माध्यम से बैंकों में जमा कर उसे सफेद कर लिया। स्वयं भाजपा ने भी पार्टी के तौर पर देशभर में अकूत सम्पत्ति अर्जित कर ली है, यह भी जनता की नजर में है।   

उन्होंने कहा कि स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार थोपी गई नोटबन्दी की ‘‘आर्थिक इमरजेन्सी’’ एक व्यक्ति की अपनी मनमानी व अहंकार का नतीजा थी । भाजपा सरकार को अपना अहंकार त्यागकर देश की जनता से इसके लिए माफी मांगनी चाहिए।

 

 

भाषा
लखनऊ


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