यूपी में खाना-कपड़ा-बस्ता सब फ्री, फिर भी स्कूल जाने को तैयार नहीं बच्चे
उत्तर प्रदेश में पिछले कुछ सालों से स्कूलों में छात्रों के नामांकन में गिरावट से स्कूल चलो अभियान को तगड़ा झटका लगा है.
उत्तरप्रदेश में खाना-कपड़ा-बस्ता सब फ्री होने के बावजूद भी स्कूल जाने को तैयार नहीं बच्चे. |
आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को यहां बताया कि गत एक जुलाई से 31 अगस्त तक चलाए गए स्कूल चलो अभियान के तहत प्रदेश के बेसिक परिषद के 1,58,873 विद्यालयों में 1,53,85,541 बच्चों ने प्रवेश लिया.
वर्ष 2013-14 के दौरान कक्षा एक से आठ तक के परिषदीय विद्यालयों में प्रवेश लेने वाले बच्चों की संख्या 1,70,26,990 थी. प्रवेश लेने वाले बच्चों की संख्या में लगातार गिरावट दर्ज की गयी. वर्ष 2016 -17 में यह संख्या 1,52,31,258 तक पहुंच गई लेकिन इस चालू वर्ष में मामूली वृद्धि दर्ज की गई.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने लखनऊ, गोरखपुर तथा हापुड़ में स्कूल चलो अभियान का शुभारंभ किया. आकड़ों के अनुसार वर्ष 2014-15 में 1,67,48,689 बच्चों ने तथा वर्ष 2015-16 मे 1,62,75,768 बच्चों ने विद्यालयों में प्रवेश लिया था. मुख्यमंत्री ने इस अभियान को तेज करने के आदेश दिए है.
प्रदेश सरकार‘स्कूल चलो’ अभियान को अमली जामा पहनाने के लिए हर मुमकिन कोशिश में लगी है.
राजकीय, सहायता प्राप्त इंटर कॉलेज, सहायता प्राप्त जूनियर हाईस्कूल तथा परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा एक से आठ तक के बच्चों को नि:शुल्क पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध कराती है. अध्यनरत सभी बच्चों को प्रतिवर्ष दो सेट में यूनिफार्म दी जाती है. इससे प्रदेश के 1.52 करोड़ बच्चे लाभन्वित होंगे.
प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में विद्यार्थियों को नि:शुल्क बैग तथा जूता, मोजा उपलब्ध कराये जा रहे हैं. परिषदीय विद्यालयों में प्रवेश कराए जाने के लिए हर साल घर-घर जाकर सव्रे के माध्यम से स्कूल न जाने वाले बच्चों को चिन्हित किया जा रहा है.
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