प्रयाग अर्द्धकुंभ से पहले गंगा को निर्मल बनाने की मुहिम

Last Updated 26 Sep 2017 02:12:04 PM IST

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रयाग में वर्ष 2019 के अर्द्धकुंभ से पहले यह सुनिश्चित करने के लिए वृहद कार्ययोजना शुरू की गयी है कि गंगा नदी में गंदगी और कचरा ना गिरे.


(फाइल फोटो) प्रयाग अर्द्धकुंभ से पहले गंगा को निर्मल बनाने की मुहिम

योगी ने यहां ईसा फाउण्डेशन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में गंगा को स्वच्छ, निर्मल एवं अविरल बनाने के लिए किये जा रहे प्रयासों की चर्चा करते हुए कहा,   2019 में प्रयाग इलाहाबाद कुंभ से पहले गंगा में एक भी गंदा नाला ना गिरे, कोई कचरा ना गिरे. यह सुनिश्चित करने के लिए वृहद स्तर पर कार्ययोजना प्रारंभ हुई है.

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नमामि गंगे परियोजना के तहत 30 हजार करोड़ रूपये की लागत से गंगा एवं उसकी सहायक नदियों को अविरल एवं निर्मल बनाये रखने की वृहद कार्ययोजना प्रारंभ की है.

योगी ने कहा कि गंगा नदी उत्तर प्रदेश के 25 जिलों से होकर बहती है.उन्होंने कहा, हम लोगों ने पहले चरण में गंगा के तटवर्ती गांवों को  खुले में शौच से मुक्त  करने का संकल्प लिया और इसके लिए कार्ययोजना हाथ में ली.हमने इन गांवों को खुले में शौच से मुक्त करने में सफलता हासिल की.

ईसा फाउण्डेशन के संस्थापक सदगुरू जग्गी वासुदेव की मौजूदगी में योगी ने उनके नदी बचाओ अभियान के बारे में कहा कि यह केवल अभियान मात्र नहीं है, मात्र नारा नहीं है बल्कि यह सृष्टि को बचाने का प्रयास है.

योगी ने बताया कि गंगा के तटवर्ती क्षेत्रों में वृक्षारोपण का वृहद अभियान शुरू किया गया ?

उन्होंने कहा, मैं स्वयं इसके लिए गढ़मुक्तेर गया था .सभी मंत्री, सांसद और विधायक अलग अलग स्थानों पर वृक्षारोपण अभियान में शामिल होने गये .हर विभाग इससे जुड़ा और शासन-प्रशासन के अधिकारी इसमें शामिल हुए .हर कोई इसमें शामिल हुआ .

उन्होंने कहा, हमने प्रदेश में छह करोड़ पौधे लगाकर वृक्षारोपण किया था.यह कार्य अलग अलग चरण में संपन्न किया गया .

योगी ने कहा, हमने पूर्व में सामान्य तौर लगाये जाने वाले  यूकेलिप्टस  लगाना बंद किया .इसकी जगह पीपल, बरगद, आम, नीम और बेल के वृक्ष लगवाये या फिर औषधीय वृक्ष एवं धार्मिक महत्व के वृक्ष लगाने के लिए वृहद स्तर पर प्रेरित किया. इस प्रकार हमने इस कार्ययोजना को आगे बढ़ाया.
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि महानगरों और छोटे शहरों का कचरा और गंदगी गंगा में बहायी जा रही थी.इसके लिए भी कार्ययोजना शुरू की गई है.नमामि गंगे परियोजना के अंतर्गत कार्यक्र म शुरू किये गये हैं और आने वाले डेढ़- दो वर्ष के दौरान गंगा में कचरा और सीवर की गंदगी कोई ऐसे नहीं डाल पाएगा.जगह जगह शोधन की व्यवस्था की जा रही है और शोधन संयंत्र स्थापित किये जा रहे हैं ।

उन्होंने कहा कि कानपुर के जाजमऊ में गंगा सबसे अधिक प्रदूषित होती है.उसके लिए भी कार्ययोजना शुरू कर दी गयी है.

उन्होंने कहा कि ईसा फाउण्डेशन का रैली फॉर रीवर्स कार्यक्रम सराहनीय है .उत्तर प्रदेश की नयी सरकार ने तो ये कार्यक्रम पहले ही यहां लागू कर दिये हैं .लखनऊ की गोमती नदी को जलमल शोधन संयंत्र के जरिए शोधित करने के कार्यक्र म को उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने हाथ में लिया है ताकि गोमती के अस्तित्व को बचाया जा सके .इसके लिए कार्ययोजना प्रारंभ हो चुकी है .

 

भाषा


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