जेल से होनी थी रिहाई, चार दिन पहले आ गया मौत का बुलावा
कहते हैं मौत और वक्त कभी किसी का इंतजार नहीं करते. ऐसा ही कुछ एक कैदी के साथ भी हुआ. मामला उत्तर प्रदेश के हरदोई का है. यहां एक कैदी की रिहाई की तारीख मुकर्रर थी लेकिन रिहाई से ठीक पहले उसने दम तोड़ दिया.
(फाइल फोटो) |
पंडित दीनदयाल उपाध्याय जन्म शताब्दी के अवसर पर सोमवार (25 सितंबर) को उत्तर प्रदेश की जेलों से तकरीबन 100 बंदी रिहा होने थे, जिसमें हरदोई का एक बंदी शेष कुमार भी था. शेष कुमार दरियापुर थाना पाली का रहने वाला था. उसकी रिहाई का फरमान उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से किया गया था. लेकिन अपनी रिहाई की तारीख से सिर्फ चार दिन पहले यानि 21 सितंबर को ही शेष कुमार ने दम तोड़ दिया.
आर्म्स एक्ट के तहत धारा 3/25 में आरोपी शेष कुमार को 18 जून 2017 को जेल लाया गया था. 15 सितंबर को उसे तीन महीने सात दिन की सजा सुनाई गई और एक हज़ार रुपए का जुर्माना लगाया गया. 18 जून से जेल में बंद होने के कारण था उस अवधि को भी सजा में जोड़ा गया. इस लिहाज से उसे 24 सितंबर को रिहा होना था. लेकिन जुर्माना अदा न करने की स्थिति में सजा में सात दिन की सजा और जोड़ दी गई. यानि उसे 30 सितंबर को रिहा होना था. लेकिन पंडित दीनदयाल उपाध्याय जन्म शताब्दी के अवसर पर यूपी की योगी सरकार ने प्रदेशभर के 100 कैदियों को रिहा करने का आदेश दिया था और उसी क्रम में हरदोई की जेल से शेष कुमार की फ़ाइल भी शासन से मंज़ूर हुई थी, जिसके तहत उसे सोमवार को रिहा होना था.
जेल अधीक्षक बृजेंद्र सिंह यादव के अनुसार शेष काफी वक्त से कैंसर से पीड़ित था और उसका केजीएमयू में इलाज चल रहा था. 19 तारीख को उसे रेडियोथैरेपी के लिए केजीएमयू भी ले जाया गया था. ज्यादा कमजोर होने के कारण डॉक्टरों ने उसे वापस हरदोई भेज दिया और तीन दिन बाद दोबारा बुलाने की बात कही. लेकिन वहां से लौटने के बाद 21 तारीख की देर रात शेष ने दम तोड़ दिया. जेल प्रशासन ने शेष कुमार के शव को परिजनों को सौंप दिया है.
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