जेपी एसोसिएट पर यमुना प्राधिकरण का शिंकजा

Last Updated 05 Sep 2017 03:37:08 AM IST

यमुना एक्सप्रेस वे प्राधिकरण जेपी एसोसिएट से 4342 करोड़ रुपए की वसूली के लिए एसडीजेड व एलएफडी की लीज निरस्त कर जमीन कब्जे में लेगा.


जेपी एसोसिएट पर यमुना प्राधिकरण का शिंकजा

उस जमीन को वर्तमान सर्किल रेट पर बेचकर होम बायर्स का पैसा चुकता करेगा.

यही नहीं यदि भविष्य में जेपी एसोसिएट अन्य देनदारियों का समय पर भुगतान नहीं करता है तो उसे आवंटित अन्य जमीन भी प्राधिकरण अपने कब्जे में ले लेगा. यह निर्णय सोमवार को हुई प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में लिया गया. 

यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के चेयरमैन डॉ. प्रभात कुमार ने बताया कि जेपी एसोसिएट को एसडीजेड के लिए 500 हेक्टेयर जमीन आवंटित की गई थी.

जेपी ग्रुप को 31 अगस्त 2017 तक लगभग 1453 करोड़ रुपए का भुगतान करना था लेकिन जेपी ग्रुप ने उसका भुगतान नहीं किया. जिसमें मूलधन 342 करोड़, लीज रेंट 54 करोड़ तथा 64 प्रतिशत अतिरिक्त प्रतिकर के रूप में 1057 करोड़ रुपए बकाया है.

जेपी ग्रुप ने इस जमीन पर बुद्धा सर्किट 1 व 2, यमुना विहार, नेचर व्यू व उड़ान प्रोजेक्ट भी लांच किए थे जिसमें करीब 3087 बायर्स हैं. प्रत्येक निवेशक करीब 10 लाख रुपए जमा कर चुका है. जेपी ग्रुप ने इन स्कीम को स्क्रैप कर दिया.

इस तरह निवेशकों का जेपी एसोसिएट पर करीब 300 करोड़ बकाया है. यदि जेपी एसोसिएट 31 अक्टूबर तक निवेशकों का पैसा वापस करना शुरू नहीं करता है तो प्राधिकरण निवेशकों को पैसा लौटाने के लिए शासन को संस्तुति की जाएगी कि वह कंशेसन एग्रीमेंट में संशोधन कर किसी एजेंसी के माध्यम से जेपी ग्रुप से समानुपातिक जमीन वापस ली जाए तथा उसे बेचकर आवंटियों को भुगतान किया जाए.

समयलाइव डेस्क


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