मेडिकल कॉलेज प्रकरण: गोरखपुर में होगी मुकदमे की जांच

Last Updated 25 Aug 2017 04:10:13 PM IST

गोरखपुर के बाबा राघवदास मेडिकल कॉलेज में पिछली 10 और 11 अगस्त को संदिग्ध हालात में बड़ी संख्या में हुई बच्चों की मौत के मामले में पूर्व प्राचार्य समेत नौ आरोपियों के खिलाफ लखनउ में दर्ज प्राथमिकी की जांच गोरखपुर में होगी.


(फाइल फोटो)

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सत्यार्थ अनिरद्ध पंकज ने शुक्रवार को लखनऊ में बताया कि मेडिकल कॉलेज की घटना के सिलसिले में बुधवार रात लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली में दर्ज मुकदमे की जांच गोरखपुर स्थानान्तरित होगी.
    
उन्होंने बताया कि रिपोर्ट प्राप्त होते ही गुलरिहा थाने में मुकदमा दर्ज किया जाएगा.
    
मालूम हो कि चिकित्सा शिक्षा विभाग के महानिदेशक के. के. गुप्ता की तहरीर पर गोरखपुर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉक्टर आर. के. मिश्रा, इंसेफेलाइटिस वार्ड के नोडल अफसर डॉक्टर कफील खान, मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की आपूर्तिकर्ता कंपनी पुष्पा सेल्स समेत नौ लोगों के खिलाफ धारा 120 बी (साजिश रचने), 308 (गैर इरादतन हत्या) तथा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की सम्बन्धित धारा के तहत परसों रात हजरतगंज कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया था.
    
पिछली 10-11 अगस्त की रात को गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में संदिग्ध हालात में कम से कम 30 बच्चों की मौत हो गयी थी. घटना की जांच के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 12 अगस्त को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक समिति गठित की थी.
    
समिति ने 20 अगस्त को सरकार को सौंपी गई अपनी रिपोर्ट में गोरखपुर मेडिकल कॉलेज के तत्कालीन प्रधानाचार्य डॉक्टर राजीव मिश्रा, ऑक्सीजन प्रभारी एनेस्थिसिया बाल रोग विभाग के अध्यक्ष डॉक्टर सतीश तथा एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम बोर्ड के तत्कालीन नोडल अधिकारी डॉक्टर कफील खान तथा मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की आपूर्तिकर्ता कंपनी पुष्पा सेल्स के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही की सिफारिश की थी.
   
इसके अलावा समिति ने डॉक्टर राजीव मिश्रा और उनकी पत्नी डॉक्टर पूर्णिमा शुक्ला, मेडिकल कॉलेज के लेखा विभाग के कर्मचारियों तथा चीफ फार्मासिस्ट गजानन जायसवाल के खिलाफ भ्रष्टाचार उन्मूलन अधिनियम के तहत कार्यवाही की संस्तुति की है.
    
समिति ने गैर-जिम्मेदाराना आचरण, कर्तव्यहीनता और कर्मचारी आचरण नियमावली के प्रतिकूल रवैया अपनाने के लिए डॉक्टर राजीव मिश्रा, डॉक्टर सतीश, डॉक्टर कफील खान, गजानन जायसवाल एवं सहायक लेखाकार के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही की सिफारिश भी की है.


    
इसके अलावा मेडिकल कॉलेज में औषधि तथा रसायनों की आपूर्ति की पिछले तीन वर्षो की कैग से विशेष ऑडिट करवाने तथा डॉक्टर कफील खान द्वारा गोरखपुर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी के समक्ष तथ्यों को छुपा कर शपथ पत्र दाखिल करने और इंडियन मेडिकल काउंसिल के नियमों के विपरीत काम करने के लिए आपराधिक कार्यवाही किए जाने की सिफारिश भी की गई है.
    
मुख्यमंत्री द्वारा गठित इस समिति में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के सचिव आलोक कुमार, वित्त विभाग के सचिव मुकेश मित्तल तथा संजय गांधी पैरास्नातक आयुर्विज्ञान संस्थान लखनऊ के चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर हेमचंद्र भी शामिल थे.

भाषा


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment