मुजफ्फरनगर के पास पटरी से उतरे उत्कल एक्सप्रेस के 14 डिब्बे, 23 लोगों की मौत, 60 जख्मी
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के खतौली में आज शाम पुरी-हरिद्वार उत्कल एक्सप्रेस ट्रेन के 14 डिब्बे पटरी से उतर जाने के कारण कम से कम 23 यात्रियों की मौत हो गई और 60 से ज्यादा लोग जख्मी हो गए.
उत्कल एक्सप्रेस दुर्घटनाग्रस्त. |
उत्तर प्रदेश पुलिस ने बताया कि दुर्घटना में कम से कम 23 लोग मारे गए हैं .
मुख्य मेडिकल अधिकारी पी. एस. मिश्रा और मेरठ जोन के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) प्रशांत कुमार ने बताया कि शाम 5:45 बजे हुई इस दुर्घटना में कम से कम 11 लोग मारे गए और 60 जख्मी हुए हैं.
खतौली मुजफ्फरनगर से करीब 40 किलोमीटर दूर है. पीएसी, एटीएस और एनडीआरएफ की टीमों को घटनास्थल के लिए रवाना किया गया है. भारी-भरकम क्रेनों और गैस कटरों का इस्तेमाल किया जा रहा है. स्थानीय लोगों को बचाव के काम में मदद करते देखा गया.
घायलों में 26 की हालत गंभीर बतायी गई है. घायलों को स्थानीय अस्पतालों में भर्ती कराया गया है. नाजुक हालत में छह यात्रियों को मेरठ रेफर किया गया है.
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अनन्तदेव तिवारी ने 11 यात्रियों के मरने की पुष्टि की और बताया कि कम से कम 25 यात्रियों की हालत गंभीर बनी हुई है. उन्हें स्थानीय अस्पतालों में रखा गया है.
तिवारी ने मृतकों की संख्या बढ़ने की संभावना से इन्कार नहीं किया. उनका कहना था कि कई घायलों की हालत नाजुक बनी हुई है.
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार इस हादसे में मरने वालों की संख्या ज्यादा है. रेलवे ने हादसे के शिकार हुए परिजनों की मदद के लिए हेल्पलाइन नम्बर जारी की है.
दिल्ली में 011-23962389, 23967332 नई दिल्ली 011-23342954, 23341074, निजामुद्दीन 011-242399748, गाजियाबाद 9412715210 और मुजफ्फरनगर में 0131-2433099 से जानकारी ली जा सकती है.
इस बीच, रेलवे सूत्रों ने बताया कि पुरी से हरिद्वार जा रही कलिंग-उत्कल एक्सप्रेस के 10 डिब्बे शाम पांच बजकर 46 मिनट पर पटरी से उतरे हैं. दुर्घटनाग्रस्त ट्रेन का एक डिब्बा रेल पटरी के पास स्थित एक मकान में घुस गया. दुर्घटना के उच्चस्तरीय जांच के आदेश दे दिये गये हैं.
रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा घटनास्थल पर पहुंच गये हैं. उन्होंने बचाव और राहत कार्यों का जायजा लिया. उनका कहना था कि घटना की जांच करायी जाएगी. जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी लेकिन पहली प्राथमिकता हताहतों की मदद करना है. घायलों को बेहतर चिकित्सा दिलवाना है. पीड़ित परिवारों को ढांढ़स बंधाना है.
मेरठ और मुजफ्फरनगर से चिकित्सकों का दल मौके पर पहुंच गया है. रिलीफ ट्रेन मौके पर पहुंच गयी है. मेरठ मण्डल के सरकारी और गैर सरकारी अस्पतालों को एलर्ट कर दिया गया. मुजफ्फरनगर के जिलाधिकारी ने स्थानीय स्तर पर डाक्टरों की व्यवस्था की है. घटनास्थल पर राहत एवं बचाव कार्य के लिए नौ कम्पनी पीएसी और एनडीआरएफ की टुकड़ियां तैनात की गई हैं.
इस दुर्घटना की वजह से दिल्ली-देहरादून रेलमार्ग बाधित है. रेलगाड़ियों के मार्ग परिवर्तित कर शामली और मुरादाबाद होकर भेजा जा रहा है. रेलवे और स्थानीय प्रशासन के अधिकारी राहत एवं बचाव कार्य में लगे हुए हैं. दुर्घटनाग्रस्त ट्रेन से सपरिवार हरिद्वार जा रहे रामचन्द्र सिंह ने बताया कि हादसे के समय वह परिवार के साथ कुछ खा रहे थे कि एक तेज आवाज हुई और देखते-देखते कोहराम मच गया. ट्रेन में अफरातफरी का माहौल था. लोग बचने के लिए इधर-उधर भागने की कोशिश करते दिखे. चंद सेकेंड में नजारा बदल गया और हंस बोल रहे यात्रियों में चीख पुकार मच गयी.
सिंह के अनुसार प्रशासन से पहले स्थानीय लोगों ने यात्रियों की मदद की. घायलों को डिब्बों से निकालना शुरु किया और अपनी निजी गाड़ियों से अस्पताल ले जाते देखे गये.
इस बीच, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट कर हादसे पर दु:ख जताया है. मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना पर शोक व्यक्त करते हुए घायलों के मुफ्त इलाज की घोषणा की. उन्होंने जिलाधिकारी मुजफ्फरनगर से बात कर स्थिति की जानकारी ली. मौके पर अपने मंत्रिमंडल के दो मंत्रियों सतीश महाना तथा सुरेश राणा को पहुंचने का आदेश दिया.
योगी ने कहा कि घटना दु:खद है. हताहत और घायलों के प्रति उनकी पूरी सहानुभूति है. प्रदेश सरकार पीड़ितों की हरसंभव मदद करेगी. घटना पर समाजवादी पार्टी (सपा) संरक्षक मुलायम सिंह यादव, पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने भी दु:ख व्यक्त किया है. इन नेताओं ने राज्य सरकार से हताहतों की हरसंभव मदद करने की अपील की है.
दुर्घटना की वजह से खतौली और उसके आसपास के क्षेत्रों में हा-हाकार मचा हुआ है. हादसे में घायल लोगों को सरकारी, प्राईवेट अस्पतालों में मुजफ्फरनगर, मेरठ व खतौली में भर्ती कराया गया है. मौके पर पुलिस महानिरीक्षक रेलवे भी पहुंच गये हैं और देर रात्रि तक प्रशासनिक अधिकारी व आम नागरिक राहत व बचाव कार्य में जुटे हुए हैं.
रात्रि की वजह से राहत एवं बचाव कार्य में बाधा आ रही है. पुलिस की गाड़ियों की हेडलाइट जलाकर डिब्बों में फंसे यात्रियों को निकाला जा रहा है. एनडीआरएफ के जवान ताबड़तोड़ मेहनत कर स्थानीय नागरिकों की मदद से डिब्बे में फंसे हताहत लोगों को निकाल रहे हैं. बीच-बीच में चीख पुकार के साथ बचाओ बचाओ की आवाज भी सुनाई दे रही थी.
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार प्रशासन के पहुंचने के पहले स्थानीय नागरिकों ने यात्रियों की मदद करनी शुरु कर दी थी. कुछ स्थानीय लोग अपनी निजी गाड़ियों से घायलों को अस्पताल ले जाते देखे गये. हालांकि, थोड़ी देर बाद कई सरकारी एम्बुलेंस भी पहुंच गयी थी.
इस बीच, उत्तर प्रदेश पुलिस के आतंकवादी निरोधक दस्ते (एटीएस) ने भी जांच शुरु कर दी है. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार घटना में आतंकियों के हाथ होने की कोई खबर नहीं है फिर भी एहतियात के तौर पर एटीएस ने जांच करने का निर्णय लिया है.
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