नेपाल से छोड़े जाने वाले पानी के स्थाई समाधान के लिए ठोस प्रयास किये जाने की जरुरत: योगी
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि नेपाल से नदियों में पानी छोड़े जाने से जनधन की भारी हानि होती है और इसके स्थायी समाधान की दिशा में ठोस प्रयास किए जाने की आवश्यकता है.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाढ़ राहत कार्यों का जायजा लिया. |
मुख्यमंत्री आज लखीमपुर खीरी की तहसील धौरहरा के ओएनजीसी मैदान में बाढ़ पीड़ितों का हाल चाल जानने और राहत सामग्री वितरण के उपरान्त अपने विचार व्यक्त कर रहे थे. उन्होंने कहा कि प्रत्येक बाढ़ पीड़ित को राहत सामग्री समय से उपलब्ध कराने तथा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर चलाने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि राहत कार्य में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी. यदि किसी भी स्तर पर लापरवाही की बात सामने आती है, तो दोषियों के खिलाफ शासन स्तर पर कठोर कार्रवाई की जाएगी
उन्होंने कहा कि बाढ़ एक प्राकृतिक आपदा है. इस आपदा की पहले ही व्यवस्थित तैयारी करके समाधान निकाला जाना चाहिए. इसलिए बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में वह स्वयं तथा प्रभारी मंत्री, सिंचाई मंत्री निरन्तर दौरे कर रहे हैं. इसके अलावा, अधिकारियों को भी भेजा रहा है, जिससे बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदा का समयबद्ध ढंग से स्थायी समाधान निकाला जा सके.
योगी ने कहा कि सीमावर्ती जिला होने के कारण नेपाल से नदियों में पानी छोड़े जाने से जनधन की भारी हानि होती है. इसके स्थायी समाधान की दिशा में ठोस प्रयास किए जाने की आवश्यकता है. उन्होंने जिला प्रशासन को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि बाढ़ और कटान के कारण कहीं भी जनहानि न होने पाए. जहां बचाव कार्य हो सकते हैं, वहां राहत कार्य युद्धस्तर पर किए जाएं. उन्होंने कहा कि बाढ़ राहत एवं बचाव कार्यों के लिए धन की कमी किसी भी जिले में नहीं होनी चाहिए. इसके लिए प्रदेश सरकार ने पूर्व में ही धनराशि उपलब्ध करायी है. उन्होंने कहा कि आपदा राहत कोष में पर्याप्त धनराशि उपलब्ध है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी जिले में आपदा से पीड़ित कोई भी व्यक्ति कहीं भी अभाव में न रहने पाए. इस कार्य को जिला प्रशासन स्वयं सुनिश्चित कर ले. बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में खाद्यान्न प्रत्येक दशा में पर्याप्त मात्रा में वितरित किए जाएं. आवश्यकतानुसार प्रभावित क्षेत्रों में लंगर चलाकर पीड़ितों को खाने की व्यवस्था करायी जाए तथा रात्रि में प्रकाश के लिए पर्याप्त मात्रा में केरोसिन की उपलब्धता सुनिश्चित करायी जाए.
योगी ने कहा कि इस आपदा में जिनके घर टूट अथवा नष्ट हो गये हैं उनकी अस्थायी व्यवस्था कराते हुए प्लास्टिक तिरपाल तात्कालिक रूप से उपलब्ध करायी जाएं. उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि ऐसे लोगों को सूचीबद्ध कराते हुए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत समयबद्ध ढंग से आवास उपलब्ध कराने की कार्यवाही की जाए.
उन्होंने जिला प्रशासन को निर्देशित करते हुए कहा कि राहत कार्यों को युद्धस्तर पर चलाया जाए. एनडीआरएफ और पीएसी की फ्लड पलाटून को प्रभावित क्षेत्रों में पर्याप्त संख्या में लगाया जाए. उन्होंने जनप्रतिनिधियों से भी राहत और बचाव कार्य में सहयोग प्रदान करने का आह्वान किया.
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोई भी बाढ़ प्रभावित राहत प्राप्त करने से वंचित न रहने पाए. बाढ़ पीड़ितों को शुद्ध पेयजल, खाद्यान्न, दवाइयां, पशुओं के लिए चारा सहित अन्य सभी जरूरी वस्तुओं की उपलब्धता प्रत्येक स्थिति में सुनिश्चित की जाए.
इस मौके पर योगी ने सात कटान प्रभावित व्यक्तियों को गृह अनुदान स्वीकृति पा वितरित किए. इनमें से बाढ़ से आवासीय झोपड़ी के नष्ट होने के कारण पांच लाभार्थियों को 4,100 रुपए का गृह अनुदान तथा दो लाभार्थियों को पक्का आवासीय मकान नष्ट होने के कारण 95,100 रुपए की गृह अनुदान स्वीकृति पा प्रदान के साथ-साथ खाद्यान्न किट भी वितरित किए. कार्यक्रम के उपरान्त तहसील धौरहरा के कटान प्रभावित क्षेत्रों के कुल 500 लाभार्थियों को खाद्यान्न किट का वितरण किया गया.
इस अवसर पर समाज कल्याण राज्यमंत्री श्रीमती गुलाबो देवी समेत अन्य जनप्रतिनिधिगण तथा शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.
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