वृन्दावन में हिंडोला उत्सव 26 जुलाई से
वृन्दावन के हिंडोला उत्सव में ठाकुर जी स्वयं राधारानी को झूला झूलने का निमंत्रण देते है और फिर वे राधारानी को स्वयं झुलाते भी हैं. इस बार इस उत्सव का प्रारम्भ आगामी 26 जुलाई से हो रहा है.
फाइल फोटो) |
श्यामसुन्दर हरियाली तीज पर राधारानी से कहते हैं:- राधे झूलन पधारो झुकि आए बदरा
हिंडोला एक प्रकार का ठाकुर जी का झूला है जिसे भक्त नाना प्रकार से सजाते हैं. जहां कुछ हिंडोला सोने- चांदी के बनाए जाते हैं, वहीं फल, फूल, मेवा, चन्दन, टाफी, बर्तन, अनाज आदि के हिंडोला भी ब्रज के मंदिरों में डाले जाते हैं. वैसे तो हरियाली तीज से वृन्दावन के प्रत्येक मंदिर में हिंडोला पड़ जाता है पर श्रद्धालुओं का सबसे अधिक आकषर्ण बांकेबिहारी मंदिर का हिंडोला ही होता है.
लगभग सात दशक पुराना यह हिंडोला वर्ष में केवल एक बार ही निकलता है, इसे देखकर लगता है कि इसका निर्माण रविवार को ही किया गया है.
मंदिर के सेवायत गोपी गोस्वामी के अनुसार स्वर्ण हिंडोले के आसपास सोने-चांदी की मानवाकार सखियां होती हैं. हिंडोले के आसपास के वातावरण को प्राकृतिक बनाया जाता है. हिंडोला उत्सव में स्वयं श्यामसुन्दर राधारानी को झूला झुलाते हैं. भक्तों पर प्रसाद स्वरूप पिचकारी से और गुलाबजल का मिशर्ण डाला जाता है.
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