Rajasthan Assembly: कांग्रेस विधायक मुकेश भाकर 6 महीने के लिए निलंबित, सदन अनिश्चितकाल के लिए स्थगित
राजस्थान के विधानसभा अध्यक्ष से अभद्र व्यवहार करने पर कांग्रेस विधायक मुकेश भाकर को मंगलवार को छह माह के लिए सदन से निलंबित कर दिया गया।
![]() कांग्रेस विधायक मुकेश भाकर 6 महीने के लिए सस्पेंड |
मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग के प्रस्ताव पर विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने यह घोषणा की।
इसके साथ ही देवनानी ने विधानसभा के बजट सत्र की कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने की घोषणा की।
इससे एक दिन पहले सोमवार को भाकर को सदन के मौजूदा सत्र की बैठकों से निलंबित किया गया था।
भाकर को निलंबित किए जाने के विरोध में कांग्रेस विधायक सोमवार से ही सदन में नारेबाजी और हंगामा कर रहे थे। उनके हंगामे के बीच मुख्य सचेतक गर्ग ने प्रस्ताव रखा, ‘‘कल से सदन में जो गतिरोध बना है उसके लिए प्रतिपक्ष की हठधर्मिता जिम्मेदार है। कल सदन की कार्यवाही के दौरान एक सदस्य भाकर द्वारा अशोभनीय व्यवहार किया गया। आसन को चुनौती दी गई। आसन को निर्देश देने का प्रयास किया गया। उनकी अभद्रता के कारण आसन ने निर्णय किया कि वे सदस्य सदन से बाहर चले जाएं। वे नहीं गए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं सदन का ध्यान राजस्थान विधानसभा प्रक्रिया तथा कार्य संचालन संबंधी नियम 292 (3) की ओर दिलाना चाहता हूं... जिसमें निलंबित सदस्य से अपेक्षा की जाती है कि वह तुरंत सदन की सीमा से बाहर चला जाएं। माननीय सदस्य ने उस आदेश की पालना अब तक नहीं किया है और प्रतिपक्ष उनको संरक्षण दे रहा है। यह असंवैधानिक है व अशोभनीय है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यहां तक कि कल सोमवार को जब उस सदस्य को बलपूर्वक बाहर ले जाने का प्रयास किया जा रहा था तो उसने दो प्रहरियों को काटा, जिसमें एक महिला भी है। उन्होंने एक महिला का हाथ पर काटा।’’
मुख्य सचेतक ने कहा, “ऐसा अभद्र व्यवहार करने वाले सदस्य को इस सदन का सदस्य रहने का कोई अधिकार नहीं है। इसलिए इनके व्यवहार से दुखी होकर मैं प्रस्ताव करता हूं कि सदस्य मुकेश भाकर को छह माह के लिए निलंबित किया जाए।’’
इस पर अध्यक्ष देवनानी ने कहा, ‘‘मुकेश भाकर को छह माह के लिए निलंबित किया जाता है।’’ इसके बाद उन्होंने राष्ट्रगान करवाने की घोषणा की। राष्ट्रगान होते ही देवनानी ने ‘‘सदन की बैठक अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने की घोषणा की।’’
राजस्थान की सोलहवीं विधानसभा का यह दूसरा सत्र था जो तीन जुलाई से शुरू हुआ। इस दौरान वित्त वर्ष 2024-25 के लिए परिवर्तित बजट भी पारित किया गया।
सदन में मौजूदा गतिरोध सोमवार को उस समय शुरू हुआ जब नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने देश में भारतीय न्याय संहिता लागू हो जाने के बावजूद राजस्थान सरकार द्वारा कई सरकारी वकीलों की नियुक्ति भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) के तहत किए जाने का मुद्दा उठाया और सरकार से जवाब दिलाने की मांग की।
इसको लेकर जूली और विधानसभा अध्यक्ष देवनानी में नोकझोंक हो गई। कांग्रेस के विधायक नारेबाजी और हंगामा करने लगे। इसी दौरान देवनानी ने विधायक भाकर के व्यवहार को ‘‘अभद्र’’ बताते हुए नाराजगी जताई और मुख्य सचेतक गर्ग के प्रस्ताव पर उन्हें मौजूदा सत्र की बाकी बैठकों से निलंबित करने की घोषणा की।
बाद में जब सदन दोबारा बैठा तो सभापति संदीप शर्मा ने निलंबित किए गए कांग्रेस विधायक मुकेश भाकर को सदन से बाहर जाने को कहा जिसके बाद मार्शल और कांग्रेस के विधायकों के बीच तनातनी और धक्का-मुक्की की नौबत आ गई।
कांग्रेस की महिला विधायकों ने आरोप लगाया था कि मार्शल ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया। इसके बाद पार्टी विधायक धरने पर बैठ गए। कांग्रेस के लगभग 50 विधायक रात में भी सदन में ही बैठे रहे।
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने धरने की तस्वीर सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए कहा, ‘‘रात्रि विश्राम और धरना, राजस्थान विधानसभा, जयपुर।’’
मंगलवार सुबह 11 बजे सदन के बैठते ही कांग्रेस के विधायकों ने नारेबाजी और हंगामा शुरू कर दिया। विधानसभा अध्यक्ष ने कांग्रेस विधायकों से अपनी सीट पर जाने और निलंबित विधायक मुकेश भाकर से बाहर भेजने की अपील की। उन्होंने कहा कि वे प्रश्नकाल के बाद उनकी बात सुनेंगे।
कांग्रेस विधायकों की नारेबाजी और हंगामे के बीच प्रश्नकाल जारी रहा। बीच में कांग्रेस की विधायक रमीला खड़िया की तबीयत खराब हो गई तो देवनानी ने कार्यवाही आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी। खड़िया को बेचैनी महसूस हुई और विधानसभा में चिकित्सको द्वारा उनकी जांच की गई।
आधे घंटे बाद सदन बैठा और शून्यकाल तथा बाद के विधायी काम निपटाए गए। हालांकि, बाद में कांग्रेस विधायकों के नारेबाजी और हंगामे के बीच मुख्य सचेतक गर्ग के प्रस्ताव पर अध्यक्ष देवनानी ने विधायक भाकर को छह माह के लिए निलंबित करने की घोषणा की।
कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष एवं विधायक गोविंद सिंह डोटासरा ने अध्यक्ष के इस फैसले की आलोचना करते हुए ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, ‘‘कांग्रेस विधायक भाकर को छह माह के लिए निलंबित करना संसदीय परंपराओं का हनन एवं अलोकतांत्रिक कदम है।’’
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