हार्ट अटैक के बढ़ रहे मामले, सीपीआर ट्रेनिंग जरूरी : पद्मश्री माया टंडन

Last Updated 23 Apr 2024 03:47:02 PM IST

पद्मश्री से सम्मानित जयपुर की माया टंडन सड़क सुरक्षा के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए 30 सालों से ज्यादा समय से काम कर रही हैं। उन्होंने अपनी संस्था 'सहायता' के जरिए कई सड़क दुर्घटना पीड़ितों की जान बचाई है, जो लोगों को कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) ट्रेनिंग प्रदान करने में मदद करती है।


हार्ट अटैक के बढ़ रहे मामले, सीपीआर ट्रेनिंग जरूरी : पद्मश्री माया टंडन

माया को उनकी असाधारण सेवाओं के लिए इस साल पद्मश्री से सम्मानित किया गया। उन्होंने राजस्थान में कई लोगों की जान बचाने में मदद की है।

अपने काम के जरिए, वह यह सुनिश्चित करती है कि वह उन लोगों को कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) ट्रेनिंग दे सके, जो इस तकनीक से अनजान हैं ताकि लोगों की जान बचाई जा सके।

सीपीआर को लेकर आयोजित एक कार्यक्रम के मौके पर माया ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, "प्रत्येक व्यक्ति को सीपीआर ट्रेनिंग दिया जाना चाहिए क्योंकि दिल का दौरा पड़ने के मामले अक्सर सामने आ रहे हैं।"

जयपुर के सवाई मान सिंह मेडिकल कॉलेज की पूर्व छात्रा माया जयपुर के जेके लोन अस्पताल के अधीक्षक के पद से सेवानिवृत्त हुईं।

संस्था के बारे में माया ने कहा कि लोगों के बीच सीपीआर की जीवन रक्षक पद्धति के बारे में ज्यादा जागरूकता नहीं है।

माया ने आईएएनएस को बताया, ''मैं जनता में जागरूकता पैदा करना चाहती हूं, ताकि जरूरत के समय आम लोग भी मदद कर सकें। जब मैं एसएमएस अस्पताल में काम कर रही थी, तब मुझे राजस्थान पुलिस एकेडमी द्वारा ट्रेनिंग प्रोग्राम के लिए आमंत्रित किया गया था, जहां पुलिस अधिकारियों और अन्य लोगों को जीवन-रक्षक तरीकों पर ट्रेन किया गया था। इसलिए, मुझे लगा कि लोगों को इस बारे में ट्रेनिंग देना महत्वपूर्ण है और इसीलिए मैंने सहायता संगठन की स्थापना की।''

उन्होंने कहा कि अगर दुर्घटना स्थल के आसपास के लोग सीपीआर तकनीक जानते हों, तो सड़क दुर्घटना के दौरान कई जिंदगियां बचाई जा सकती हैं।

आईएएनएस
जयपुर


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