नागरिकता नहीं मिली तो लौटने लगे 240 से ज्यादा पाक शरणार्थी

Last Updated 30 Nov 2020 12:24:42 AM IST

देश के सबसे ज्यादा विवादों में रहे नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर नए मामले सामने आने लगे हैं।


नागरिकता नहीं मिली तो लौटने लगे 240 से ज्यादा पाक शरणार्थी

240 से ज्यादा पाक शरणार्थी जोधपुर दिल्ली में चार साल से भटकते-भटकते वापस पाकिस्तान जाने लगे हैं। 15 हजार से अधिक अब भी इंतजार में हैं लेकिन 10 जनवरी 2020 को संसद से पारित इस सीएए कानून के अभी तक रूल्स ही नहीं बने हैं। नियम ही नहीं बनने से राज्य सरकारें बाध्य हैं और 31 दिसंबर 2014 के बाद आए एक भी पाक शरणार्थियों को 318 दिन बाद भी भारत की नागरिकता नहीं मिल पा रही है। दूसरी तरफ इसकी प्रासंगिकता ऐसे भी सामने आ रही है कि 12 साल या अधिक समय से राजस्थान में रह रहे 30 पाक शरणार्थियों को सीएम के विशेष प्रयास से ऑनलाइन नागरिकता का रास्ता साफ हुआ है।

गृह विभाग ने जोधपुर कलक्टर को निर्देशित किया है लेकिन नए सीएए कानून के रूल्स नहीं आने से पुराने लोगों के पीछे किसी तरह राजस्थान आए कई उनके रिश्तेदार और नए शरणार्थी वीजा खत्म होने के कारण लौटने को मजबूर हैं। यदि सीएए के नियम बन कर राज्यों के पास आ जाते तो छह साल से यहां रह रहे लोगों को भी नागरिकता मिलनी शुरू हो जाती। मुख्यमंत्री  ने जोधपुर और आसपास रह रहे 30 पाक शरणार्थियों को नागरिकता देने के लिए संबंधित कलक्टर को निर्देशित किया। पिछले करीब 1 से 4 साल से करीब 243 लोग वीजा पर रह रहे थे। कई राजस्थान में जोधपुर में नागरिकता के लिए घूमें। पिछले 10 माह नए कानून के तहत नागरिकता का इंतजार कर रहे थे। अभी तक रूल्स नहीं बनने से अब लौटने को मजबूर है। कुछ चार साल से अधिक समय से रह रहे थे। हालांकि सीएए कानून के रूल्स आ जाते तो संबंधित कलक्टर सीधे नागरिकता देने के लिए स्वतंत्र थे लेकिन राजस्थान की कांग्रेस सरकार नए सीएए कानून के खिलाफ विधानसभा में 25 जनवरी को संकल्प पत्र पारित कर चुकी है।
सीएए, एनआरसी और एनपीआर तीनों के खिलाफ संकल्प लेने वाला राजस्थान पहला राज्य था। हिंदू विस्थापित संस्थान के संरक्षक गणोश बिजानी के अनुसार हम कई दशक के पाक शरणार्थियों को नागरिकता के लिए प्रयास कर रहे हैं। 15 हजार से अधिक लोग नागरिकता का इंतजार कर रहे हैं। दिल्ली में भी मांग उठाई। राजस्थान के पूर्व वित्तमंत्री अजरुन राम मेघवाल, जल शक्ति मंत्री गजेंद्रसिंह शेखावत आदि को कई पत्र दे चुके कि नए सीएए कानून के रूल्स बनाकर भेजें लेकिन 10 माह बाद भी नहीं बने।

सहारा न्यूज ब्यूरो
जयपुर


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