राजस्थान हाईकोर्ट में सचिन पायलट गुट की याचिका पर सुनवाई टली

Last Updated 16 Jul 2020 02:52:24 PM IST

कांग्रेस के बागी नेता सचिन पायलट और उनके 18 वफादार विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष सी.पी. जोशी द्वारा जारी अयोग्यता संबंधी नोटिस के खिलाफ गुरुवार को राजस्थान हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।


कांग्रेस के बागी नेता सचिन पायलट (फाइल फोटो)

उन्होंने आरोप लगाया है कि विधानसभा अध्यक्ष राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के इशारे पर काम कर रहे हैं। कोर्ट ने सुनवाई टाल दी, क्योंकि पायलट खेमे ने याचिका में संशोधन करने के लिए समय मांगा।

पायलट खेमे के विधायक पी.आर. मीणा ने 18 अन्य विधायकों की ओर से याचिका दायर की थी, जिन्हें हाल ही में बुलाई गई दो सीएलपी की बैठकों में शामिल नहीं होने के लिए नोटिस जारी किया गया था।

राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष के खिलाफ दायर याचिका में कहा गया है कि उन्हें डर है कि "विधानसभा अध्यक्ष निष्पक्षता के साथ हमारा पक्ष सुने बगैर गहलोत के निर्देश के अनुसार काम करेंगे।"

याचिका में विधानसभा अध्यक्ष द्वारा जारी नोटिस की वैधता और औचित्य पर सवाल उठाया गया है।

पायलट ने शुक्रवार तक की दी गई समयसीमा के पहले अदालत का दरवाजा खटखटाया, जिसे राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष ने जवाब देने के लिए उन्हें और 18 अन्य बागी विधायकों को दिया था।

मुकुल रोहतगी और हरीश साल्वे ने पायलट खेमे का प्रतिनिधित्व किया और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत से जुड़े, जबकि अभिषेक मनु सिंघवी ने गहलोत सरकार का प्रतिनिधित्व किया।

मामले की सुनवाई गुरुवार अपराह्न तीन बजे शुरू हुई।

न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए एकल पीठ की सुनवाई के लिए अदालत में पेश हुए।

कांग्रेस ने बागी विधायकों को राज्य विधानसभा से अयोग्य घोषित करने की मांग की, जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष जोशी ने मंगलवार को नोटिस जारी किया था।

हाल ही में बर्खास्त किए गए पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और अन्य विधायकों को शुक्रवार तक नोटिस का जवाब देने के लिए कहा गया है।

पायलट ने कानूनी मदद के लिए सिंघवी को किया था फोन, हंसी के साथ खत्म हुई बात

सचिन पायलट ने कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता और जानेमाने वकील अभिषेक मनु सिंघवी से उन्हें (पायलट) और उनके समर्थक विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने को लेकर जारी नोटिस के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ने को लेकर कानूनी मदद के लिए संपर्क किया था।

सिंघवी ने कहा, "दो दिन पहले, उन्होंने मुझे फोन किया। वह एक अच्छे दोस्त हैं और मेरे मन में उनके लिए बहुत सम्मान है। मैंने उन्हें यह बताए बिना कि मैं विपक्षी पक्ष को सलाह दे रहा हूं, उनसे कहा कि उनके लिए सलाह देना मेरे लिए सम्मानजनक नहीं है।"

सिंघवी ने कहा, "तो, हम दोनों हंस पड़े थे।"

इस बीच, जहां पायलट ने राहत के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया है, वहीं कांग्रेस ने रणनीतिक रूप से दो दिनों में विधायक दल की दो बैठकें बुलाकर पायलट से बैठक में भाग लेने की अपील की।

कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि कांग्रेस 10वीं अनुसूची के पैरा 2 के खंड (ए) को लागू करना चाहती है।

आईएएनएस
जयपुर/नई दिल्ली


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