राजस्थान में आवश्यक सेवाओं को छोड़ आंशिक शटडाउन
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में कोरोना वायरस से लोगों की जीवन रक्षा के लिए कुछ आवश्यक सेवाओं से संबंधित विभागों को छोड़कर प्रदेश के अन्य सभी सरकारी एवं अर्ध सरकारी विभागों, स्वायत्तशासी संस्थाओं, राजकीय निगमों एवं मंडलों में 31 मार्च तक शट डाउन के निर्देश दिए हैं।
राजस्थान में आवश्यक सेवाओं को छोड़ आंशिक शटडाउन |
उन्होंने प्रदेश में सभी स्कूलों एवं कॉलेज विद्यार्थियों की समस्त परीक्षाओं को आगामी आदेश तक स्थगित करने के भी निर्देश दिए हैं। सरकार ने स्पष्ट किया कि शट डाउन का मतलब अवकाश नहीं है। कार्मिकों को आवश्यकता होने पर कार्यालय में उपस्थित होना होगा।
मुख्यमंत्री ने बृहस्पतिवार को अपने कार्यालय में कोरोना वायरस से संक्रमण की स्थिति की समीक्षा की। बैठक में तय किया गया कि सामान्यत: सभी राजकीय विभागों, निगमों एवं मंडलों के कार्यालयों में अत्यावश्यक कार्य होने पर ही आगंतुक आएं। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा, आयुव्रेद, ऊर्जा, सभी विद्युत निगम, जलदाय, स्वायत्त शासन, नगरीय निकाय, गृह एवं पुलिस, कारागार, गृह रक्षा एवं एफएसएल, वित्त, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, आपदा प्रबंधन एवं सहायता, पंचायतीराज, सूचना एवं प्रौद्योगिकी, कार्मिक (आवश्यक शाखाएं), परिवहन मय रोडवेज एवं अन्य शहरी बस निगम, जयपुर मेट्रो, सामान्य प्रशासन, स्टेट मोटर गैराज, विधि तथा सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग में शट डाउन नहीं होगा। शेष विभागों में 50 प्रतिशत कार्मिक कार्यालय में उपस्थिति देंगे तथा 50 प्रतिशत घर से कार्य (वर्क फ्रॉम होम) करेंगे। कार्मिक घर से ऑनलाइन कार्य भी कर सकेंगे।
सरकार ने स्पष्ट किया है कि शट डाउन का मतलब अवकाश नहीं है। कार्मिकों को आवश्यकता होने पर कार्यालय में उपस्थित होना होगा। केवल चिकित्सा कारणों एवं पारिवारिक आवश्यक परिस्थितियों को छोड़कर किसी प्रकार के अवकाश एवं मुख्यालय छोड़ने की अनुमति इस अवधि के दौरान नहीं होगी। सचिवालय में उप सचिव एवं संयुक्त सचिव स्तर तथा इससे उच्च स्तर के अधिकारियों पर, विभागाध्यक्षों के कार्यालयों में उप निदेशक/अधिशासी अभियंता स्तर एवं इससे उच्च स्तर के अधिकारियों पर शट डाउन लागू नहीं होगा। जिला स्तर पर जिला कलक्टर कार्यालय एवं जिला स्तरीय अधिकारियों पर भी यह लागू नहीं होगा। जिला स्तरीय अधिकारी अपने कार्यालय में रोटेशन के आधार पर न्यूनतम कर्मियों की उपस्थिति तय करेंगे, जो 50 प्रतिशत से अधिक नहीं होगी। गहलोत ने निर्देश दिए कि आगामी आदेश तक प्रदेश में स्पा, क्लब, बार आदि को बंद कर दिया जाए।
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