ईरानी परमाणु केंद्रों पर अमेरिकी हमला अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन: ओवैसी

Last Updated 22 Jun 2025 06:57:10 PM IST

एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने रविवार को ईरानी परमाणु केंद्रों पर अमेरिकी हमले की निंदा की और इसे अंतरराष्ट्रीय कानूनों और परमाणु हथियारों के अप्रसार पर संयुक्त राष्ट्र संधि का उल्लंघन करार दिया।


हैदराबाद से ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के लोकसभा सदस्य ने यह भी चिंता जताई कि अमेरिकी बमबारी के बाद मध्य पूर्व के कुछ अरब देश इजराइल की ‘ब्लैकमेलिंग और आधिपत्य’ के कारण परमाणु हथियार बनाने की ओर अग्रसर हो सकते हैं।

उन्होंने 'पीटीआई वीडियो' से कहा, "सुबह ईरान के तीन या चार परमाणु केंद्रों पर (अमेरिका द्वारा) किया गया हमला अंतरराष्ट्रीय कानून, संयुक्त राष्ट्र अध्याय, एनपीटी का उल्लंघन है। यह अमेरिका के संविधान का भी उल्लंघन करता है, क्योंकि इसमें कहा गया है कि कांग्रेस की अनुमति के बिना देश युद्ध नहीं कर सकता।"

उन्होंने आगे कहा कि अमेरिकी राष्ट्रीय खुफिया प्रमुख तुलसी गबार्ड ने भी पहले कहा था कि ईरान के पास (परमाणु हथियार) जैसा कुछ नहीं है।

ओवैसी ने आरोप लगाया कि अमेरिका गाजा में हो रहे जातीय सफाए और नरसंहार को छिपा रहा है और कहा कि इजराइल के पास 700-800 परमाणु हथियार हैं और उसने एनपीटी पर हस्ताक्षर भी नहीं किए गए हैं। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) के निरीक्षकों को उनका निरीक्षण करने की अनुमति नहीं है।

उन्होंने राय व्यक्त करते हुए कहा कि पांच से दस वर्षों में ईरान 90 प्रतिशत तक यूरेनियम संवर्धन कर लेगा और इसे रोका नहीं जा सकता।

उन्होंने पाकिस्तान का मजाक उड़ाते हुए कहा कि वह ईरान पर हमलों के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए नोबेल शांति पुरस्कार की मांग कर रहा है और उसके सेना प्रमुख ने उत्तरी अमेरिकी देश में ट्रंप के साथ दोपहर का भोजन किया था।

भाषा
हैदराबाद


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