Ahmedabad Plane Crash: कहां डिकोड किया जाएगा विमान का ब्लैक बॉक्स? AAIB लेगा फैसला

Last Updated 20 Jun 2025 11:00:45 AM IST

अहमदाबाद में एअर इंडिया विमान दुर्घटना में लगभग 270 लोगों की मौत के एक सप्ताह बाद जांचकर्ता गुरूवार को भी दुर्घटना के कारणों का पता लगाने के लिए सुराग तलाशने में जुटे रहे, जबकि सरकार ने कहा कि विमान दुर्घटना अन्वेषण ब्यूरो यह तय करेगा कि दुर्घटनाग्रस्त विमान के ब्लैक बॉक्स को कहां ‘डिकोड’ किया जाए।


विमान दुर्घटना अन्वेषण ब्यूरो (एएआईबी) की एक टीम ने 12 जून को हुए हादसे की जांच शुरू की है।

एअर इंडिया के उक्त बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान में चालक दल के 12 सदस्यों सहित 242 लोग सवार थे जो अहमदाबाद के मेघाणी नगर क्षेत्र में एक मेडिकल छात्रावास परिसर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने और इसके बाद लगी आग में यात्रियों, चालक दल के सदस्यों और जमीन पर मौजूद लोगों सहित लगभग 270 लोगों की मौत हो गई।

नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि एएआईबी की एक बहु-विषयक टीम ने दुर्घटना की जांच शुरू कर दी है।

मंत्रालय ने बयान में कहा, ‘‘डिजिटल फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (डीएफडीआर) और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (सीवीआर) की एक संयुक्त इकाई 13 जून, 2025 को दुर्घटना स्थल से बरामद की गई है और दूसरा सेट 16 जून को मिला। विमान के इस मॉडल में दो ब्लैक बॉक्स सेट थे।’’

मंत्रालय ने कहा कि स्थानीय प्राधिकारियों और एजेंसियों से सभी आवश्यक सहयोग के साथ एएआईबी जांच लगातार आगे बढ़ रही है। साथ ही कहा कि साइट दस्तावेजीकरण और साक्ष्य संग्रह इकट्ठा करने का प्रमुख कार्य पूरा हो चुका है और अब आगे का विश्लेषण जारी है।

बयान में कहा गया है, "कुछ मीडिया संस्थानों में यह खबर आई है कि एआई171 उड़ान से सीवीआर/डीएफडीआर (ब्लैक बॉक्स) को पुनः प्राप्ति और विश्लेषण के लिए विदेश भेजा जा रहा है... विमान के रिकॉर्डर को डिकोड करने के स्थान के बारे में निर्णय एएआईबी द्वारा सभी तकनीकी और सुरक्षा संबंधी पहलुओं के उचित मूल्यांकन के बाद लिया जाएगा।’’

गुजरात सरकार ने स्पष्ट किया है कि जांच में उसकी कोई भूमिका नहीं है। अहमदाबाद के अतिरिक्त मुख्य अग्निशमन अधिकारी जयेश खड़िया ने बताया कि स्थानीय दमकलकर्मी दुर्घटनास्थल पर जारी जांच में फोरेंसिक और विमानन विशेषज्ञों की मदद कर रहे हैं।

खड़िया ने बताया कि विमान के मेडिकल छात्रावास परिसर में घुसने के बाद उसका पिछला हिस्सा छात्रावास कैंटीन की क्षतिग्रस्त इमारत के ऊपर फंस गया और दुर्घटना के दो दिन बाद 14 जून को क्रेन की मदद से इसे जमीन पर लाया गया।

उन्होंने कहा, ‘‘विमान के पिछले हिस्से सहित मलबा अभी भी घटनास्थल पर पड़ा हुआ है। मलबे को किसी अन्य स्थान पर ले जाने के कोई आदेश नहीं हैं।’’

इस बीच, एक अधिकारी ने बताया कि डीएनए मिलान के जरिए अब तक कुल 215 पीड़ितों की पहचान की जा चुकी है, जबकि 198 शव उनके परिजनों को सौंप दिए गए हैं।

अधिकारी पीड़ितों की पहचान स्थापित करने के लिए डीएनए परीक्षण करा रहे हैं।

जिन 198 लोगों के शव सौंपे गए हैं, उनमें 149 भारतीय, 32 ब्रिटिश, सात पुर्तगाली और एक कनाडाई नागरिक शामिल हैं।

अधिकारी ने बताया कि जमीन पर मारे गए नौ लोगों के शव भी उनके रिश्तेदारों को सौंप दिए गए हैं।

जब विमान मेडिकल कॉलेज के आवासीय परिसर में गिरा तो मनीषा कछाड़िया और उनका आठ महीने का बेटा ध्यानांश दुर्घटना से प्रभावित इमारतों में से एक में थे और वे झुलस गए।

दुर्घटना में घायल हुए लोगों में सबसे कम उम्र का बच्चा ध्यानांश 28 प्रतिशत तक झुलस गया है और उसे सरकारी अस्पताल के शिशु गहन चिकित्सा इकाई (पीआईसीयू) में भर्ती कराया गया है।

ध्यानांश के पिता कपिल कछाड़िया ने 'पीटीआई ' को बताया कि दुर्घटना के एक सप्ताह बाद भी शिशु अभी भी पीआईसीयू में है, जहां उसकी हालत में सुधार हो रहा है।
 

भाषा
अहमदाबाद


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