Jammu Kashmir: सीएम को चपरासी की नियुक्ति के लिए भी एलजी से विनती करनी पड़ेगी, बोले अब्दुल्ला
जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक दलों ने पुलिस और अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों से संबंधित मामलों पर निर्णय लेने के लिए केंद्र शासित प्रदेश के उपराज्यपाल को अधिक शक्तियां देने के केंद्र के कदम का शनिवार को कड़ा विरोध जताया।
जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा एवं नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला |
मुख्य क्षेत्रीय दलों - नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) - ने कहा कि यह निर्णय जम्मू-कश्मीर के लोगों को ‘अशक्त’ कर देगा।
कांग्रेस ने केंद्र के इस कदम को ‘लोकतंत्र की हत्या’ करार दिया जबकि अपनी पार्टी ने सभी दलों से मतभेदों को दूर करने और इस कदम के खिलाफ एकजुट होकर विरोध करने का आग्रह किया।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोग एक ‘शक्तिहीन, रबर स्टाम्प’ मुख्यमंत्री से बेहतर के हकदार हैं, जिसे एक चपरासी की नियुक्ति के लिए उपराज्यपाल से विनती करनी पड़ेगी।
पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कदम ‘इस बात का एक और संकेत है कि जम्मू-कश्मीर में चुनाव नजदीक हैं।’
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