भारत की मजबूत आर्थिक वृद्धि के पीछे दृढ़ इच्छाशक्ति और दूरदर्शी नेतृत्व : वित्त मंत्री सीतारमण

Last Updated 29 Apr 2024 03:05:53 PM IST

'विकसित भारत एंबेसडर' के तहत वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सोमवार को विशाखापट्टनम के गीतम विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुईं। इस दौरान उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में मोदी सरकार की दृढ़ इच्छाशक्ति और दूरदर्शी नेतृत्व ने देश के तेज विकास का मार्ग प्रशस्त किया है और देश आने वाले वर्षों में बड़ी उपलब्धियां हासिल करने के लिए तैयार है।


वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भारत को दुनिया में एक उज्ज्वल स्थान के रूप में देखे जाने के पीछे कुछ कारणों में भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई, लालफीताशाही को कम करना और व्यापार करने में सहूलियत जैसी सुविधाओं को मिलना बताया।

कार्यक्रम में निर्मला सीतारमण ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम के उस बयान पर भी जवाब दिया जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर रहेगा, चाहे कोई भी प्रधानमंत्री हो।

वित्त मंत्री ने कहा कि जीडीपी में वृद्धि खुद से संचालित नहीं होती और इसके लिए बहुत प्रयास और दूरदर्शी नेतृत्व की आवश्यकता होती है, जो भ्रष्टाचार को रोक सके, यह सुनिश्चित कर सके कि कौशल उपलब्ध हो और व्यवसायों को बढ़ाने के लिए माहौल मिले।

गौरतलब है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने एक बयान में कहा था, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अंकगणितीय अनिवार्यता को गारंटी में बदल रहे हैं।"

पूर्व वित्त मंत्री के आरोप पर पलटवार करते हुए सीतारमण ने कहा कि वह कहते हैं कि हमारी जितनी आबादी है, उसे देखते हुए कोई जादू नहीं है, हम तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएंगे। पूर्व वित्त मंत्री एक धारणा बनाने की कोशिश कर रहे हैं जो पूरी तरह से झूठ है। यह गणितीय अनिवार्यता नहीं है। आपको प्रयास की आवश्यकता है, आपको एक दूरदर्शी सोच रखने वाले नेता की आवश्यकता है, आपको भ्रष्टाचार को रोकने की आवश्यकता है, आपको यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि हमारे छात्रों के लिए कौशल उपलब्ध हो, आपको आम लोगों के लिए कल्याणकारी योजनाओं को तैयार करने और इसे लागू करने के साथ यह आम लोगों तक पहुंचे यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है, आपको यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि गरीबों को उनका हक मिले और यह भी सुनिश्चित करना होगा कि व्यवसायों को बढ़ाने के लिए एक सकारात्मक माहौल मिले।''

सीतारमण ने मोदी सरकार के 10 साल के कामों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यूपीए कार्यकाल में अर्थव्यवस्था कैसे पिछड़ गई थी। 2004 में जब यूपीए सत्ता में आई, तो भारत 12वें स्थान पर था। साल 2007 में यह 14वें स्थान पर और 2011 में नौवें स्थान पर पहुंच गया। साल 2012 में फिर से भारत की अर्थव्यवस्था 10वें स्थान पर खिसक गई, 2013 में यह और भी गिरकर 11वें स्थान पर आ गई और 2014 तक यह फिर से 10वें स्थान पर आ गई।

उन्होंने कहा कि आज भारत पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और जल्द ही तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की उम्मीद है। सीतारमण ने आगे बताया कि 2008 में आए वैश्विक वित्तीय संकट को छोड़कर, उन 10 वर्षों में कोई बड़ी समस्या नहीं थी, जबकि 2020 में वैश्विक महामारी कोरोना आई और इसके बावजूद भारत पिछले 10 वर्षों में 10वें से पांचवें स्थान पर पहुंच गया।

उन्होंने कहा कि आर्थिक विकास के लिए दूरदर्शी सोच रखने वाले नेताओं की जरूरत है, जो यह सुनिश्चित करेंगे कि भ्रष्टाचार आम लोगों की साख और कमाई को नुकसान न पहुंचाए।

उन्होंने कहा, "पीएम मोदी ने गारंटी दी है कि स्वच्छ और पारदर्शी प्रशासन के साथ हम यह सुनिश्चित करेंगे कि भारत जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाए।"

आईएएनएस
विशाखापट्टनम


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